भोपाल। प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के साथ नौकरशाही में बदलाव जारी है। इस बीच खबर यह है कि प्रदेश के निगम मंडलों में जो नियुक्तियां पहले हुई है, वे कार्यकाल पूरा होने तक जारी रहेंगी। सरकार ने इस आशय का फैसला किया है।
प्रदेश में बदलाव की बह रही बयार के तहत निगम-मंडलों में नियुक्तियों को लेकर फिलहाल विराम लग गया है। सूत्रों की माने तो सरकार ने फैसला किया है कि पूर्व की सरकार में हुई निगम-मंडलों में नियुक्तियों को निरस्त नहीं किया जाएगा, बल्कि ये नियुक्तियां कार्यकाल पूरा होने तक जारी रहेगी। गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने 24 दिसंबर 2021 को एक साथ 25 नेताओं की निगम-मंडलों में नियुक्ति की थी। इन नियुक्तियों में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी ष्शामिल थे। इसके अलावा सरकार ने अप्रैल 2023, अक्टूबर 2023 में भी कुछ नियुक्तियां की थी। इन नियुक्तियों के आधार से कुछ अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का कार्यकाल तीन साल से ज्यादा और कुछ का कार्यकाल चार साल से ज्यादा का है। सरकार के इस फैसले से साफ है कि अब तीन से चार साल तक इन निगम-मंडलों में नई नियुक्तियां नहीं की जा सकेंगे। इसके चलते तीन निगमों अध्यक्ष जो विधानसभा चुनाव में चुनाव हार गए हैं, उनके पास यह पद जारी रहेगा। हारे अध्यक्षों में प्रदीप जायसवाल गुडडा, इमरती देवी और प्रद्युन लोधी हैं। इनके अलावा राज्य विपणन संघ की उपाध्यक्ष मंजू दादू भी चुनाव हार गई है, मगर वे उपाध्यक्ष बनी रहेंगी। इसके अलावा ऐंदल सिंह कंसाना विधायक का चुनाव जीत गए हैं साथ ही उन्हें मंत्री भी बनाया हैं इसके चलते कंसाना स्टेट एग्रो इंडस्टीट डेवल्पमेंट कार्पोरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे।
प्रदेश में बदलाव की बह रही बयार के तहत निगम-मंडलों में नियुक्तियों को लेकर फिलहाल विराम लग गया है। सूत्रों की माने तो सरकार ने फैसला किया है कि पूर्व की सरकार में हुई निगम-मंडलों में नियुक्तियों को निरस्त नहीं किया जाएगा, बल्कि ये नियुक्तियां कार्यकाल पूरा होने तक जारी रहेगी। गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने 24 दिसंबर 2021 को एक साथ 25 नेताओं की निगम-मंडलों में नियुक्ति की थी। इन नियुक्तियों में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी ष्शामिल थे। इसके अलावा सरकार ने अप्रैल 2023, अक्टूबर 2023 में भी कुछ नियुक्तियां की थी। इन नियुक्तियों के आधार से कुछ अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का कार्यकाल तीन साल से ज्यादा और कुछ का कार्यकाल चार साल से ज्यादा का है। सरकार के इस फैसले से साफ है कि अब तीन से चार साल तक इन निगम-मंडलों में नई नियुक्तियां नहीं की जा सकेंगे। इसके चलते तीन निगमों अध्यक्ष जो विधानसभा चुनाव में चुनाव हार गए हैं, उनके पास यह पद जारी रहेगा। हारे अध्यक्षों में प्रदीप जायसवाल गुडडा, इमरती देवी और प्रद्युन लोधी हैं। इनके अलावा राज्य विपणन संघ की उपाध्यक्ष मंजू दादू भी चुनाव हार गई है, मगर वे उपाध्यक्ष बनी रहेंगी। इसके अलावा ऐंदल सिंह कंसाना विधायक का चुनाव जीत गए हैं साथ ही उन्हें मंत्री भी बनाया हैं इसके चलते कंसाना स्टेट एग्रो इंडस्टीट डेवल्पमेंट कार्पोरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे।