कांग्रेस में भी बढ़ने लगा है दिल्ली का हस्तक्षेप

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अरूण, अजय के बाद अब जीतू को मिला पद
भोपाल। भाजपा के बाद अब कांग्रेस में भी दिल्ली का हस्तक्षेप बढ़ने लगा है। लगातार उपेक्षित नेताओं को चुनाव के लिए बनाई गई समितियों में अब पद दिए जा रहे हैं। हाल ही  में सुरेश पचौरी, अजय सिंह और अरूण यादव को जिम्मेदारी देने के बाद अब कांग्रेस हाईकमान ने जीतू पटवारी को चुनाव कैम्पेन कमेटी का सह अध्यक्ष बनाया है।
प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे दिल्ली के नेताओं का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक की तर्ज पर दिल्ली के नेताओं का दखल प्रदेश में दिखाई देने लगा है। पहले प्रदेश प्रभारी पद से जे पी अग्रवाल को हटाकर कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला को प्रदेश का प्रभारी बनाया। सुरजेवाला ने प्रदेश में जब अपनी आमद दी तो उन्होंने सभी नेताओं के बीच चल रही खींचतान को समझा और फिर धीरे-धीरे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की नाराजगी के शिकार हो रहे नेताओं को जिम्मेदारी दिलवानी ष्शुरू कर दी। सुरजेवाला की यह नीति चुनाव के दौरान सबको साथ लेकर चलने वाली नजर आ रही है। इससे फिलहाल तो कमलनाथ की नाराजगी नजर नहीं आती है, मगर उनका यदा-कदा विरोध करने वाले नेताओं को मिल रहे पद उनकी चिंता को जरूर बढ़ा सकते हैं।
सुरजेवाला ने पहले तो उपेक्षित नेता सुरेश पचौरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव और अजय सिंह को साधने की कवायद की। ये नेता एक तरह से निश्क्रिय होकर बैठे नजर आ रहे थे। इन्हें सक्रिय करने के लिए उन्होंने दिल्ली से चुनाव समिति में सदस्य बनवाया और बाद में जन आक्रोश यात्रा का नेतृत्व भी सांपा। वहीं अब उन्होंने मालवा में जीतू पटवारी को साधने के लिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का सह अध्यक्ष बनवा दिया। वैसे जीतू कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा में जीतू पटवारी को भी एक यात्रा का नेतृत्व सौंपा गया था, मगर हाईकमान उन्हें चुनाव समितियों में पद दिलाना चाहता था। वैसे इन नेताओं को मिल रही जिम्मेदारी में कहीं-न कहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ही स्वीकृति भी दिल्ली के नेताओं को है। कमलनाथ भी यही चाहते हैं कि सारे नेता अगर एकजुट नजर आए तो चुनाव में कांग्रेस भाजपा को करारी चुनौती दे सकती है।
मालवा अंचल को साधने का प्रयास
गौरतलब है कि जीतू पटवारी हमेशा से ही दिल्ली के नेताओं के सहारे ही प्रदेश में अपनी पकड़ बनाए रखते हैं। इसके पूर्व भी जब-जब उन्हें प्रदेश के नेताओं ने हासिए पर लाने का प्रयास किया, तब-तब दिल्ली ने उन्हें कोई-न कोई जिम्मेदारी देकर संगठन में उनका कद बढ़ाया है। पटवारी के अलावा एक और नेता उमंग सिंघार को भी दिल्ली के नेताओं का सहारा मिलता रहा है। दोनों ही नेता मालवा अंचल से आते हैं, यही वजह है कि मालवा में कांग्रेस अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए इन नेताओं को आगे बढ़ाकर रखना चाहती है। इसके पूर्व अरूण यादव जो कि निमाड़ में खासा प्रभाव रखते हैं, कांग्रेस पहले ही उन्हें साधकर मैदान में सक्रिय कर चुकी है।

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