भाजपा कर रही चिंतन, केन्द्रीय नेतृत्व करेगा फैसला
भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताआें को भाजपा पद देने की तैयारी कर रही है। इन नेताओं को पार्टी की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अब इन्हें हर बैठक और गतिविधि से जोड़ा जाएगा। इनमें से कुछ नेताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। चुनावी नतीजे आने के बाद इस प्रक्रिया पर काम शुरू किया जाएगा। लेकिन प्रदेश की इस सियासी गतिविधि पर पूरी तरह केंद्रीय नेतृत्व का फैसला ही काम करेगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक और अन्य कांग्रेस नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था। अब इन नेताओं को लेकर भाजपा संगठन पद देने को लेकर चिंतन करने में जुटा है। भाजपा नेतृत्व ने नई आमद देने वाले इन नेताओं को सम्मानपूर्वक संगठन में पद देने की नई रणनीति बनाई है। इसके तहत अब कांग्रेस से आए नेताओं को भाजपा की मुख्यधारा से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने जिला और मंडल अध्यक्षों को इस बारे में निर्देश दे दिए हैं। इन्हें कहा गया है कि दूसरे दलों से आए नेताओं को सम्मान दिया जाए साथ ही हर बैठक और पार्टी गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया है। कांग्रेस से पलायन करके भाजपा में आए कई नेता अपनी पूर्व पार्टी में कद, पद, ओहदा और सम्मान रखते थे। भाजपा ने इन लोगों को उनका खोया सम्मान लौटाने की भी रणनीति बनाई है। तय किया गया है कि ऐसे सभी नेताओं को उनके सामर्थ्य और कार्यशक्ति के लिहाज से भूमिका दी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में केंद्रीय नेतृत्व की सलाह पर ही काम किया जाएगा।
प्रकोश्ठ बनाकर भी दिया जा सकता है काम
नेतृत्व इस पर काम भी कर रहा है। भाजपा नेतृत्व सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की निगरानी के लिए कुछ सेल स्थापित करने पर विचार कर रहा है। इन प्रकोष्ठों में दूसरे दलों से भाजपा में शामिल हुए कुछ नेताओं को शामिल किया जाएगा। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को इसमें प्रवेश की इजाजत दे दी थी, लेकिन अब राज्य में आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के बाद दूसरे दलों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताआें को भाजपा पद देने की तैयारी कर रही है। इन नेताओं को पार्टी की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अब इन्हें हर बैठक और गतिविधि से जोड़ा जाएगा। इनमें से कुछ नेताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। चुनावी नतीजे आने के बाद इस प्रक्रिया पर काम शुरू किया जाएगा। लेकिन प्रदेश की इस सियासी गतिविधि पर पूरी तरह केंद्रीय नेतृत्व का फैसला ही काम करेगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक और अन्य कांग्रेस नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था। अब इन नेताओं को लेकर भाजपा संगठन पद देने को लेकर चिंतन करने में जुटा है। भाजपा नेतृत्व ने नई आमद देने वाले इन नेताओं को सम्मानपूर्वक संगठन में पद देने की नई रणनीति बनाई है। इसके तहत अब कांग्रेस से आए नेताओं को भाजपा की मुख्यधारा से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने जिला और मंडल अध्यक्षों को इस बारे में निर्देश दे दिए हैं। इन्हें कहा गया है कि दूसरे दलों से आए नेताओं को सम्मान दिया जाए साथ ही हर बैठक और पार्टी गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया है। कांग्रेस से पलायन करके भाजपा में आए कई नेता अपनी पूर्व पार्टी में कद, पद, ओहदा और सम्मान रखते थे। भाजपा ने इन लोगों को उनका खोया सम्मान लौटाने की भी रणनीति बनाई है। तय किया गया है कि ऐसे सभी नेताओं को उनके सामर्थ्य और कार्यशक्ति के लिहाज से भूमिका दी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में केंद्रीय नेतृत्व की सलाह पर ही काम किया जाएगा।
प्रकोश्ठ बनाकर भी दिया जा सकता है काम
नेतृत्व इस पर काम भी कर रहा है। भाजपा नेतृत्व सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की निगरानी के लिए कुछ सेल स्थापित करने पर विचार कर रहा है। इन प्रकोष्ठों में दूसरे दलों से भाजपा में शामिल हुए कुछ नेताओं को शामिल किया जाएगा। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को इसमें प्रवेश की इजाजत दे दी थी, लेकिन अब राज्य में आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के बाद दूसरे दलों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।