कांग्रेस की मांग वाली सीटों पर SP ने उतारे प्रत्याशी, इंडिया गठबंधन टूट के कगार पर

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लखनऊ। इंडिया गठबंधन टूट के कगार पर पहुंच गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया था कि सीटों का बंटवारा फाइनल होने से पहले वे न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे। इसके साथ ही उन 17 सीटों की सूची भी कांग्रेस नेतृत्व को भेज दी गई थी, जो सीटें कांग्रेस ने मांगी थीं। सपा ने कांग्रेस को जो 17 सीटें प्रस्तावित की थीं, उनमें से वाराणसी में अपना प्रत्याशी उतार दिया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस मुरादाबाद, बिजनौर और बलिया की सीट चाहती थी, लेकिन समाजवादी ये सीटें देने को तैयार नहीं है।

सपा नेतृत्व ने दिल्ली के कांग्रेस नेताओं को यह संदेश भिजवा दिया कि सपा को जो सीटें देनी थीं, दे दी गई हैं। अब फैसला कांग्रेस का है कि गठबंधन करना है या नहीं। कांग्रेस की ओर से इसके सिवाय कोई जवाब नहीं आया कि हमारी बातचीत जारी है। इसके बाद सपा ने अपनी पांच प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की, जिसमें वाराणसी भी शामिल है। आम तौर पर सपा जिन नेताओं को लोकसभा क्षेत्र प्रभारी नामित करती है, उन्हें ही बाद में अपना प्रत्याशी घोषित कर देती है। अमरोहा व बागपत सीटें भी कांग्रेस के लिए प्रस्तावित की गई थीं, लेकिन सपा ने बागपत में अपने पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी को प्रभारी नामित कर दिया।

सपा ने अपने पांच लोकसभा प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी है। बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की जगह पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस को दी वाराणसी सीट पर भी सपा ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल को टिकट दे दिया है। पूर्व सांसद सलीम शेरवानी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद सपा ने बदायूं में अपनी रणनीति को बदलते हुए अनुभवी नेता शिवपाल सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है। पहले यहां से धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी घोषित किया गया था। इस तरह से सपा के अब तक 31 प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। सपा ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को कन्नौज और आजगमढ़, दोनों ही लोकसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया है। सपा सूत्रों के मुताबिक, इनमें से किसी एक सीट से अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ेंगे। दूसरी पर धर्मेंद्र यादव को उतारा जाएगा।

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