कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों ने मोदी टीम की सियासी बेचैनी बेहद बढ़ा दी है, कारण….
एक- प्रादेशिक चुनाव बीजेपी मोदी के चेहरे पर लड़ती रही है, लेकिन कर्नाटक चुनाव के बाद यह साफ हो गया है कि मोदी मैजिक खत्म होने के बाद न केवल मोदी फेस बेअसर हो गया है, बल्कि…. पेट्रोल-डीजल के रेट, रसोई गैस के दाम, अनियंत्रित बढ़ती महंगाई के चलते जनता मोदी सरकार से बेहद नाराज भी है?
दो- मोदी टीम के धर्म और इमोशनल मुद्दे वोट नहीं दिला पा रहे हैं?
तीन- राजस्थान में कांग्रेस के पास अशोक गहलोत का लोकप्रिय सीएम फेस है, लेकिन बीजेपी के पास कोई लोकप्रिय चेहरा नहीं है, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लोकप्रिय सीएम फेस हैं, लेकिन मोदी टीम उन्हें किनारे कर रही हैं?
चार- छत्तीसगढ़ में भी यही स्थिति है, वहां कांग्रेस के पास तो लोकप्रिय सीएम फेस भूपेश बघेल हैं, लेकिन बीजेपी के पास इसका अभाव है?
पांच- मध्यप्रदेश में कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर कोई किन्तु-परन्तु नहीं है, वहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लोकप्रिय सीएम फेस हैं, वैसे तो एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बतौर सीएम फेस लोकप्रिय हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या उन्हें सीएम फेस घोषित किया जाएगा, क्योंकि एमपी बीजेपी के कांग्रेसीकरण के बाद वहां ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं?
देखना दिलचस्प होगा कि…. राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ती है या प्रादेशिक नेता को सीएम फेस बनाती है?
सियासी सयानों का मानना है कि- मोदी फेस बेअसर! हो गया है, अशोक गहलोत, कमलनाथ, भूपेश बघेल अपने राज्यों के लोकप्रिय सीएम फेस हैं, जबकि बीजेपी के लिए सीएम फेस बड़ी चुनौती है, लिहाजा यदि…. राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने मोदी के चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा, तो कांग्रेस के लिए सत्ता की राह आसान हो जाएगी!