मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, श्रद्धालुओं को लगना चाहिए दर्शन में कम समय
भोपाल। तिरूपति बालाजी मंदिर की तरह उज्जैन के महाकाल मंदिर में कम से कम समय में श्रद्धालु दर्शन कर सकें इस तरह की व्यवस्था की जाए। इसके लिए अधिकारी तिरूपति बालाजी मंदिर जाकर वहां की व्यवस्था को देखें और उस तरह की कार्ययोजना बनाएं।
ये निर्देश मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि यह प्रयास करें कि श्रद्धालु कम से कम समय में महाकाल मंदिर पहुंच जाएं, उन्हें अनावश्यक रूप से दो-तीन किमी न चलना पड़े। प्रशासन यह व्यवस्था सुनिश्चित करें कि श्रद्धालुओं को तिरूपति बालाजी मंदिर की तरह महाकाल मन्दिर में कम समय में दर्शन हो जाये। एक टीम तिरूपति बालाजी मंदिर जाकर वहां की व्यवस्था का अवलोकन कर कार्य योजना बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ-जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के पग पड़े हैं, उन स्थानों को धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। नारायणाधाम को तीर्थधाम के रूप में विकसित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पंचक्रोशी यात्रा की तर्ज पर पूर्णिमा पर भी परिक्रमा यात्रा निकाली जायेगी। परिक्रमा यात्रा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। यह प्रयास किया जायेगा कि वृंदावन परिक्रमा की तर्ज पर महाकाल दर्शन के बाद श्रद्धालु चिंतामन गणेश मन्दिर, हरसिद्धि मंदिर, कालभैरव मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, सान्दीपनि आश्रम दर्शन के बाद पुनः महाकाल मंदिर आयें। पंचक्रोशी मार्ग पर स्थाई पड़ाव बनाने के लिये अधोसंरचात्मक कार्य किए जाएंगे।
पांच मिनट में दर्शन कर लें श्रद्धालु
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन शहर के प्रमुख चौराहों का सौन्दर्यीकरण करने एवं महामृत्युंजय द्वार के आसपास विकास कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने चामुण्डा माता मंदिर चौराहा को हरिफाटक ब्रिज तक एलिवेटेड कॉरिडोर विकास के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने नीलकंठ वन मार्ग पर पार्किंग की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिये आवश्यक उपाय किये जायें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महाकाल आने वाले श्रद्धालु 5 मिनिट में बाबा महाकाल के दर्शन कर लें। इसकी माइक्रो प्लानिंग जिला प्रशासन करें।