भाजपा सच स्वीकारना नहीं चाहती, यह बड़ा संकट

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आत्महत्याओं को लेकर पटवारी ने सरकार पर बोला हमला
भोपाल। प्रदेष में युवाओं द्वारा अवसाद में आकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने को लेकर प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आत्महत्या के आंकड़े पेष करते हुए कहा कि युवाओं द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्याओं के कारणों का पता नहीं सरकार नहीं लगा पाई है। भाजपा सच सुनना और स्वीकार करना नहीं चाहती है, वही सच युवा पीढ़ी का सबसे बड़ा संकट बन गया हैं।
पटवारी ने कहा कि राजधानी भोपाल में आत्महत्या का आंकड़ा हर साल 7 से 8 प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। पिछले 5 सालों में 26 सौ से ज्यादा युवक-युवतियों ने आत्महत्या कर ली।  वर्ष 2022 में 530 लोगों ने खुदकुशी की थी। वर्ष 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 584 पहुंच गया है।  पिछले साल 142 मामले ऐसे सामने आए, जिसमें पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता ही नहीं लगा सकी। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वालों में सबसे अधिक 18 से 30 आयु वर्ग के युवक-युवती होते हैं। यह ऐसे समय खुदकुशी कर रहे हैं,जब उन्हें अपना कॅरियर बनाना होता है। पटवारी ने कहा कि पुलिस के रिकार्ड में पिछले साल 2023 में 584 लोगों ने आत्महत्या की। जिसमें 418 पुरुष, 165 महिलाएं और 1 थर्ड जेंडर शामिल था। इस लिहाज से औसतन हर दिन 2 लोग आत्महत्या कर रहे हैं। कोरोना लॉकडाउन के बाद 2021 में 35 प्रतिषत लोगों ने पिछले सालों की तुलना में ज्यादा खुदकुशी की थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सच सुनना और स्वीकार करना नहीं चाहती है, वही सच युवा पीढ़ी का सबसे बड़ा संकट बन गया हैं। बढ़ती प्रतिस्पर्धा और घटते हुए रोजगार के अवसर युवाओं को जीवन पर भारी लगने लगे हैं, यही चिंता और चुनौती का बड़ा कारण है।
गेहूं के लिए घोषित समर्थन मूल्य लागू किया जाए
पटवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर  कहा कि गेहूं के लिए घोषित किए गए समर्थन मूल्य 2700 प्रति क्विंटल के आदेश को तत्काल लागू किया जाए। राज्य सरकार गेहूं की खरीदी पर प्रति क्विंटल 150 रुपए का बोनस देगी जोकि रबी सीजन 2024-25 के लिए दिया जाएगा। बता दें कि गेहूं का निर्धारित समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल है और बोनस मिलने के बाद यह 2400 प्रति क्विंटल हो जाएगा। आगे उन्होंने लिखा कि भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं पर 2700 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य का वादा किया था जोकि 20 साल पुरानी सरकार का वादा है, लेकिन मोदी की गारंटी अभी भी पूरी नहीं हो पाई है।

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