रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं को कंट्रोल करने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, यह सरकार ऐसी संस्थाओं को कमजोर करना चाहती है. छत्तीसगढ़ में तो विधानसभा से पारित आरक्षण विधेयकों पर राज्यपाल का हस्ताक्षर भी रोक लिया है.
केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजीजू ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखकर कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने की बात कही है. इससे जुड़े एक सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यही बात तो राहुल गांधी कह रहे हैं कि यह सरकार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करना चाहती है. यहीं उदाहरण देख लीजिए ना . राज्यपाल विधेयकों पर इसलिए हस्ताक्षर नहीं कर रही है कि कोर्ट में नहीं टिकेगा. उसको कैसे मालुम? यह हस्तक्षेप नहीं है? वह पहले से मान ली हैं कि कोर्ट में नहीं टिकेगा. यह बताता है कि आप दूसरी संस्थाओं पर चाहे वह कार्यपालिका है, विधायिका है अथवा न्यायपालिका उसको कंट्रोल में रखना चाहते हैं. लोक सभा में बोलने नहीं देते, इसीलिए तो राहुल जी पैदल चल रहे हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जहां भाजपा की सरकारें नहीं हैं उनको राजभवन के माध्यम से कंट्रोल करना चाहते हैं. जितने भी राज्यों में देख लीजिए वही हालत है. मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात में कोरबा रवाना होने से पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.
भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीर जाने से पहले सुरक्षा चेतावनी को बताया केंद्र का डर
राहुल गांधी को सुरक्षा चेतावनी की बावत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पहले तो कोरोना बता रहे थे. दिल्ली में तो उनकी ही पुलिस है. वहां कौन सी सुरक्षा दे दिये ये लोग. दिल्ली में किस तरह का व्यवहार हुआ. हमारे सेक्रेटरी जनरल को लिखकर देना पड़ा कि वहां सेक्यूरिटी नहीं थी. जब आप 370 हटा दिये तो जम्मू-कश्मीर में सिक्योरिटी क्यों नहीं है भाई. दो साल हो गये 370 हटाये, अब तो वहां अमन चैन होना चाहिए. अब क्यों सिक्यूरिटी नहीं देंगे. आप बस पदयात्रा को रोकना चाहते हैं, उससे घबराए हुए हैं. कोई न कोई बहाना आ रहा है. एक दिन मास्क लगाकर पूरे मंत्रिमंडल के लोग चल दिए कि कोरोना फैल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने चिट्ठी लिखा तो राहुल गांधी को कि कोरोना हो गया है इस कारण से आप पदयात्रा रोक दीजिए. उसके दूसरे दिन के बाद कहीं नहीं. ये स्थिति है इनकी.
किसानों की आय दोगुना करने का दावा किया
मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार के बनने के बाद किसानों के लिए हम लोगों ने जो कार्यक्रम किया उसके कारण से जो लोग खेती से विमुख हो गए थे, वे खेतों की ओर लौटे हैं. 15 लाख से बढ़कर 24-25 लाख किसान हो गये. अभी तक 22 लाख से अधिक किसान धान बेच चुके हैंं. वहीं भाजपा के शासनकाल में केवल 15 लाख किसान धान बेचते थे. पिछले चार साल में 9-10 लाख किसानों का बढ़ना, रकबा में वृद्धि यह बताता है कि कृषि लाभदायक धंधा है तो वह छत्तीसगढ़ में है. भाजपा और केंद्र सरकार आय दो गुना करने की बात कहकर खर्चा दोगुना कर दिये. हम लोगों ने सच में आय दोगुना कर दिये हैं.