दमोह. सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर पर दर्ज किए गए मामले से खफा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने दमोह पुलिस की सेवाएं लेने से इंकार कर दिया है. उन्होंने पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. दरअसल केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बंगले पर गुरुवार सुबह धर्मपुरा वार्ड के लोग पहुंचे थे उन्होंने केंद्रीय मंत्री के समक्ष सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज किए जाने का विरोध जताया था. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने पुलिस एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा तत्काल की गई कार्रवाई का विरोध जताया है.
राशन दुकान के सेल्समैन ने आत्महत्या कर ली थी
बता दें कि करीब 5 दिन पूर्व बजरिया वार्ड 3 निवासी राशन दुकान के सेल्समैन विक्की उर्फ विक्रम रोहित के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला था. जिसमे दमोह नगर पालिका के सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर, भाजपा नेता मोंटी रैकवार, नर्मदा सूर्यवंशी एवं नरेंद्र परिहार पर प्रताडि़त किए जाने का आरोप लगाया था. मृतक के परिजनों ने अस्पताल चौराहे पर प्रदर्शन किया था और पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था.
रैकवार समाज के लोगों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर मोंटी रैकवार को निर्दोष बताया
इस घटना के बाद रैकवार समाज के लोगों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर मोंटी रैकवार को निर्दोष बताते हुए इस प्रकरण में से उसका नाम हटाने की मांग की थी. जबकि पुलिस ने उक्त सभी लोगों के विरुद्ध मामला जांच में लिया था तथा प्रकरण दर्ज किया था. जब इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को लगी तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मामले की गंभीरता से जांच कराए जाने को कहा था. साथ ही मृतक एवं उसके परिवार के प्रति शोक संवेदना प्रकट की थी. बावजूद इसके पुलिस ने इस प्रकरण में सांसद प्रतिनिधि का नाम बतौर आरोपी के रूप में दर्ज कर लिया. जिसके बाद गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ने दमोह पुलिस के सेवाएं लेने से मना कर दिया.
यशपाल ठाकुर मेरे प्रतिनिधि हैं
मीडिया से चर्चा के दौरान प्रहलाद पटेल ने कहा की यशपाल ठाकुर मेरे प्रतिनिधि हैं. सम्मानित जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच नहीं की. इस कार्यप्रणाली के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक और दमोह पुलिस से मैं असंतुष्ट हूं. मैंने पहले भी कहा था की मृतक एवं उसके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. इस मामले की गहराई से जांच की जाए, लेकिन जो लोग इस तरह के झूठे मुकदमे दर्ज करा कर अपने मंसूबे में सफल होना चाहते हैं. वह कान खोल कर सुन ले कि उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे.
दमोह पुलिस ने जो किया वह ठीक नहीं, मैं एसपी के खिलाफ हूं
दमोह पुलिस ने जो किया है मैं उस कार्रवाई के खिलाफ, पुलिस अधीक्षक के खिलाफ हूं. यह जल्दबाजी में किया गया फैसला है. यशपाल मेरे कार्यकर्ता हंै, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं. मैं हर कीमत पर उनके साथ हूं. उसमें बाकी लोग भी हैं जिनके नाम लिखे हुए हैं, उसमें मेरा भी नाम है फिर तो मेरे खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए. मैंने कहा था इसकी बारीकी से जांच होना चाहिए. मैं दमोह पुलिस की कोई भी सेवा नहीं लूंगा. मेरे निजी सुरक्षा गार्ड के अलावा दमोह पुलिस के किसी भी कर्मचारी की मैं सेवा नहीं लूंगा.