मशहूर शायर अंजुम रहबर ने ली कांग्रेस की सदस्यता

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भोपाल। प्रदेश में इस साल होने वाले चुनाव के पहले दल बदल का सिलसिला भी तेजी से चल रहा है, जिसे जहां उपयुक्त स्थान मिल रहा है, वह उस दल में पहुंचकर सदस्यता ले रहा है। इसी के चलते आज देश की मशहूर शायर अंजुम रहबर ने कांग्रेस की सदस्यता ली है। उन्होंने कहा कि जनसेवा के लिए कांग्रेस में आई हैं।
शायर अंजुम रहबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद अंजुम ने कहा मैं देश सेवा के लिए राजनीति में शामिल हुई हूँ। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि बिजली-पानी हमारा मुद्दा है, खेती बाड़ी हमारा मुद्दा है, सिर्फ वादों से पेट भरता नहीं रोजी रोटी हमारा मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी ओल्ड इस गोल्ड है यहां पर मुझे हिन्दुस्तान की तस्वीर हकीकत की नजर आती है। यहां मुझे असलियत नजर आती है। आज से 15 साल पहले जो हालात हैं उसके बाद हालात में गिरावट आयी है। मध्य प्रदेश में सांप्रदायिकता बढ़ी है। मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहती बेशक अगर पार्टी मौका देगी तो मैं मना नहीं करूंगी, लेकिन मैं जनसेवा के लिए आयी हूं। मैं यह सोचकर नहीं आई मुझे टिकट चाहिए। हमारे देश में पता नहीं क्या बोया जा रहा है।
भाजपा नेताओं ने भी थामा कांग्रेस का हाथ
ग्वालियर-चंबल संभाग और बुंदेलखंड के कुछ भाजपा नेता भी आज कांग्रेस में शामिल हुए हैं। सागर के सुरखी से राजकुमार सिंह धनौरा और दतिया के अवधेश नायक ने रविवार दोपहर को राजधानी में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर पहुंचकर इस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। दोनों नेता सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ भोपाल पहुंचे। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थकों ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली।  अवधेश नायक पाठ्यपुस्तक निगम के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं राजकुमार धनौरा की भी भाजपा में गोविंद सिंह राजपूत के आने के बाद उन्हें लेकर विवाद चलता रहा है।
स्थानीय नेताओं की सहमति जरूरी
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर दे दिया। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह भी चाहें तो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, मगर स्थानीय नेताओं की सहमति जरूरी है। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में चल रही बागेश्वर धाम की कथा के आयोजन पर भाजपा नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने हनुमान मंदिर बनवाया, मैं मंदिर जाता हूं तो इनके पेट में दर्द क्यों होता है? उन्होंने कहा कि क्या कथा कराने का ठेका भाजपा ने ही ले रखा है, मेरी इच्छा थी, मैंने कथा का आयोजन किया। लाखों लोग कथा सुनने आ रहे हैं, इससे भाजपा के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?

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