कैबिनेट बैठक में लिया फैसला, सिवनी सहित पांच स्थानों पर इसी सत्र में शुरू होंगे मेडिकल कॉलेज
भोपाल। प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों में बदलाव किया गया है। विभाग में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को अब सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा। वहीं राज्य में सिवनी सहित पांच नए मेडिकल कॉलेज इसी सत्र में खोलने का फैसला लिया है।
सरकार ने ये फैसले आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए हैं। बैठक के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में इसी सत्र से पांच नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने का निर्णय लिया है। इनमें सिवनी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, सिंगरौली के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। शिक्षण स्टाफ के पदों को भरने के लिए आवश्यक संशोधन लाया गया है। प्रोफेसर (24), असिस्टेंट प्रोफेसर (70 से 75 के बीच) आदि के पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। पांच मेडिकल कॉलेजों के लिए विभिन्न श्रेणियों के कुल पद 150 हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों में बदलाव किया गया है। विभाग में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को अब सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा।
शुक्ल ने बताया कि सरकार ने विशेष पिछड़े आदिवासी इलाकों में आगनबाड़ी केंद्र खोलने का भी निर्णय लिया है। करीब 194 आगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। इस पर 15.70 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। 60 फीसदी लागत केंद्र और शेष 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी। सरकार ने पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में बालक एवं बालिका छात्रावास खोलने का भी निर्णय लिया। इस मद में 384.6 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री जनमन योजना कार्यक्रम के लिए 194 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन के लिए स्वीकृति दी गई है। आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण वित्त वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में भारत सरकार से वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होने के बाद होंगे। भवनों का निर्माण जनजातीय परिवेश को ध्यान में रखकर ग्राम पंचायत करेंगे। 194 आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए कुल 15.70 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृति की गई है।
गृह जिलों में मंत्री करेंगे ध्वजारोहण
कैबिनेट बैठक के दौरान अनौपचारिक चर्चा में तय हुआ कि 26 जनवरी को सभी मंत्री अपने-अपने गृह जिले में तिरंगा फहराएंगे। जिन जिलों में मंत्री नहीं हैं, वहां अन्य जिलों से मंत्री तिरंगा फहराने जाएंगे। यह भी तय हुआ कि विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, राव उदय प्रताप सिंह समेत चार मंत्री अपने गृह जिलों से बाहर के जिलों में ध्वजारोहण करेंगे।
बैठक में लिए अन्य फैसले
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से मजरे-टोला को जोड़ने और प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के लोगों को आवास उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
विशेष पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में जिन आदिवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान नहीं मिले हैं, उन्हें मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। इस संबंध में लाभुकों को दो लाख रुपए दिए जाएंगे।
आगर-मालवा में एक नया विधि महाविद्यालय (लॉ कॉलेज) खोलने की स्वीकृति प्रारंभ करने निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने 30 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। कॉलेज की स्थापना पर 2 करोड़ 19 लाख से अधिक का आवर्ती और अनावर्ती व्यय होगा।
विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंडों को देखते हुए सड़क बनाई जाएगी। सड़क सुविधा से वंचित 981 मानव बस्तियों को जोड़ने के लिए सड़कें बनाई जाएंगी। ऐसे इलाकों में 50 पुलों का भी निर्माण किया जाएगा। 100 लोगों की मानव बस्ती भी सड़क से जुड़ जाएगी। क्रुक्स में 2404 किमी लंबाई वाली सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस पर तीन साल में 2454 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
भोपाल। प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों में बदलाव किया गया है। विभाग में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को अब सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा। वहीं राज्य में सिवनी सहित पांच नए मेडिकल कॉलेज इसी सत्र में खोलने का फैसला लिया है।
सरकार ने ये फैसले आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए हैं। बैठक के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में इसी सत्र से पांच नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने का निर्णय लिया है। इनमें सिवनी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, सिंगरौली के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। शिक्षण स्टाफ के पदों को भरने के लिए आवश्यक संशोधन लाया गया है। प्रोफेसर (24), असिस्टेंट प्रोफेसर (70 से 75 के बीच) आदि के पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। पांच मेडिकल कॉलेजों के लिए विभिन्न श्रेणियों के कुल पद 150 हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों में बदलाव किया गया है। विभाग में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को अब सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा।
शुक्ल ने बताया कि सरकार ने विशेष पिछड़े आदिवासी इलाकों में आगनबाड़ी केंद्र खोलने का भी निर्णय लिया है। करीब 194 आगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। इस पर 15.70 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। 60 फीसदी लागत केंद्र और शेष 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी। सरकार ने पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में बालक एवं बालिका छात्रावास खोलने का भी निर्णय लिया। इस मद में 384.6 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री जनमन योजना कार्यक्रम के लिए 194 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन के लिए स्वीकृति दी गई है। आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण वित्त वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में भारत सरकार से वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होने के बाद होंगे। भवनों का निर्माण जनजातीय परिवेश को ध्यान में रखकर ग्राम पंचायत करेंगे। 194 आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए कुल 15.70 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृति की गई है।
गृह जिलों में मंत्री करेंगे ध्वजारोहण
कैबिनेट बैठक के दौरान अनौपचारिक चर्चा में तय हुआ कि 26 जनवरी को सभी मंत्री अपने-अपने गृह जिले में तिरंगा फहराएंगे। जिन जिलों में मंत्री नहीं हैं, वहां अन्य जिलों से मंत्री तिरंगा फहराने जाएंगे। यह भी तय हुआ कि विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, राव उदय प्रताप सिंह समेत चार मंत्री अपने गृह जिलों से बाहर के जिलों में ध्वजारोहण करेंगे।
बैठक में लिए अन्य फैसले
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से मजरे-टोला को जोड़ने और प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के लोगों को आवास उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
विशेष पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में जिन आदिवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान नहीं मिले हैं, उन्हें मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। इस संबंध में लाभुकों को दो लाख रुपए दिए जाएंगे।
आगर-मालवा में एक नया विधि महाविद्यालय (लॉ कॉलेज) खोलने की स्वीकृति प्रारंभ करने निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने 30 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। कॉलेज की स्थापना पर 2 करोड़ 19 लाख से अधिक का आवर्ती और अनावर्ती व्यय होगा।
विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंडों को देखते हुए सड़क बनाई जाएगी। सड़क सुविधा से वंचित 981 मानव बस्तियों को जोड़ने के लिए सड़कें बनाई जाएंगी। ऐसे इलाकों में 50 पुलों का भी निर्माण किया जाएगा। 100 लोगों की मानव बस्ती भी सड़क से जुड़ जाएगी। क्रुक्स में 2404 किमी लंबाई वाली सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस पर तीन साल में 2454 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।