मुख्यमंत्री ने लिया महाकुंभ की तैयारियों का जायजा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में हमारी ऐसी अप्रत्याशित जीत होगी कि विरोधी सोच भी नहीं पाएंगे। इस बार चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा जनादेश मिलेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात आज राजधानी में 25 सितंबर को होने वाले कार्यकर्ता महाकुंभ की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में कही। उन्होंने बैठक में महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा की इस बार अप्रत्याशित जीत होगी। विरोधी सोच नहीं पाएंगे ऐसी जीत होगी। प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जनादेश भाजपा को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा मैं दिन भर जनता के बीच रहता हूं, उन्हीं के बीच खाता हूं, घूमता हूं। मैं बता सकता हूं इस बार की जीत कितनी अप्रत्याशित होने वाली है। लोगों के चेहरे के भाव देख कर मैं यह बता सकता हूं। उन्होंने कहा कि जनता को महाकुंभ के विराट स्वरूप का दर्शन कराना है, जिससे जनता और विश्वास से भर जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के अलावा और कोई नहीं है ये विश्वास दिलाना है। विराट स्वरूप देखकर विपक्षियों के भी हौसले पस्त हो जाएंगे।
दस लाख कार्यकर्ता जुटाने का लक्ष्य
महाकुंभ में भाजपा ने 10 लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विधायक, सांसद, जिला अध्यक्ष और सभी अन्य नेताओं को टारगेट दिया गया है। कार्यकर्ता महाकुंभ में प्रत्येक जिले के हर एक मंडल से भाजपा के कार्यकर्ताओं को लेकर आना है। कार्यकर्ता महाकुंभ की सामग्री प्रत्येक मंडल में भिजवाई गई है। विभिन्न समितियों का गठन कर कार्यकर्ताओं को कार्यभार सौंपा गया है।
जो झूठे हैं, उन्हें खानी पड़ती है झूठी कसमें
पांढ़ुर्णा में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वो कमलनाथ हैं, जिन्होंने सांसर में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा नहीं लगने दी। छत्रपति शिवाजी का अपमान करने का काम कमलनाथ ने किया था। उन्होंने कहा उस समय हमारी सरकार नहीं थी, लेकिन मैं खुद गया था, सौसर में मैंने आंदोलन किया था। अब छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा लगाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकली चेहरा सामने आए और असली सूरत छुपी रहे, इसका उदाहरण कमलनाथ है। कांग्रेस के घर घर गंगा जल बांटने के अभियान पर उन्होंने कहा कि जनता हम पर विश्वास करती है इसलिए हम को कसम खाने की जरूरत नहीं है। जो झूठे हैं उनको झूठी कसमें खानी पड़ती हैं इसलिए कांग्रेस गंगा जल ले जाये या नर्मदा जल क्या फर्क पड़ता है।