इंदौर में किसी का समर्थन नहीं करेगी कांग्रेस

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पटवारी ने कहा कि जनता के बीच जाकर बताएंगे सच
भोपाल। कांग्रेस ने फैसला किया है कि इंदौर में वह अब किसी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेगी। इस सीट पर कांग्रेस अब चुनाव का बहिश्कार तो नहीं करेगी, मगर नोटा का विकल्प है, जिसे लेकर हम मतदाता से आह्वान करेंगे कि वे न्याय की लड़ाई में हमारा साथ दें।
यह बात पटवारी ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इंदौर में कांग्रेस पार्टी किसी को समर्थन नहीं देगी। पटवारी  ने कहा कि रैली निकालकर लोगों को सच बताएंगे। पहले बूथ कैप्चर होते थे, अब प्रत्याशी ही कैप्चर हो रहा है। हमारे विधायक हारे पर हमने तो कोई गलत कदम नहीं उठाया। देश में राजनीतिक माफिया पनप रहा है। पटवारी  ने कहा कि ये लड़ाई भाजपा कांग्रेस की नही है। कांग्रेस अब चुनाव नहीं लड़ रही है। उसका चुनाव चिन्ह ही निकल गया, पर ये लड़ाई अब न्याय की है।  अब इंदौर की राजनीतिक अस्मिता की लड़ाई है। चुनाव का बहिष्कार हम नहीं करेंगे, लेकिन हमारे पास नोटा का विकल्प है।
गौरतलब है कि इस बार भाजपा का मजबूत गढ़ कहे जाने इंदौर में कांग्रेस ने एकदम नये-नवेले चेहरे अक्षय कांति बम  को अपना उम्मीदवार बनाया था। कांग्रेस को उम्मीद थी कि बम इंदौर में इस बार बड़ा धमाका करेंगे, लेकिन यहां नजारा कुछ और ही देखने को मिला है। अक्षय कांति बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है। बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है। अगर वह चुनाव लड़ते, तो यह राजनीति में उनका पहला मुकाबला होता।
तन्खा ने कहा नोटा दबाकर संसदीय प्रणाली को बचाएं
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘पहले बूथ कैप्चरिंग, अब प्रत्याशी कैप्चरिंग।’ बीजेपी लीडर्स की सोच पे तरस आता है। यह सब हाए तोबा इंदौर सीट के लिए। बीजेपी 1984 के पश्चात यह सीट नहीं हारी। पीसी सेठी जी के पश्चात सुमित्रा ताई जैसे सांसदों ने इंदौर नगरी को गौरवान्वित किया। “अक्षय” के कृत्य से संसदीय प्रणाली कलंकित महसूस कर रही है। कांग्रेस प्रत्याशी के कृत्य ने देश को शर्मसार किया है। जनता को विचार करना चाहिए कि आगे ऐसे कृत्य एवं धोका फिर करने की हिम्मत ना हो। जनता अपना रोष नोटा एवं जनआक्रोश के माध्यम से भारतीय इतिहास में इंदौर को रेखांकित कर सकती है।

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