कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले देवाशीष जरारिया को उतार मैदान में
भोपाल। चंबल अंचल की भिंड-दतिया सीट पर बहुजन समाज पार्टी भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकती है। इस सीट पर कांग्रेस से नाराज नेता देवाशिश जरारिया को बसपा ने चुनाव मैदान में उतार दिया है। देवाशीष ने आज ही कांग्रेस के इस्तीफा दिया था। इसके बाद बसपा ने उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
भिंड और दतिया संसदीय सीट अजा वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट पर बसपा ने आज प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बसपा ने कांग्रेस के नाराज नेता देवाशीष जरारिया को मैदान में उतार है। जरारिया ने आज ही सुबह कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन्होंने अलवर में बसपा सुप्रिमो के सामने बसपा की सदस्यता ग्रहण की। जरारिया द्वारा बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही बसपा ने सूची जारी कर भिंड से उन्हें प्रत्याशी घोशित कर दिया है। देवाशीष ने बताया कि वे 19 अप्रैल को अपना नामांकन भरेंगे।
गौरतलब है कि देवाशीश जरारिया ने 2019 में भिंड से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। वे यह चुनाव भाजपा की संध्या राय से एक लाख 99 हजार मतों से चुनाव हारे थे। इस चुनाव में बसपा तीसरे स्थान पर रही थी। बसपा प्रत्याशी को 66 हजार वोट हासिल हुए थे। बसपा का चंबल अंचल की मुरैना सीट के अलावा भिंड और दतिया सीट पर भी खासा प्रभाव है। इसके चलते बसपा ने इस बार युवा के तौर देवाशीश जरारिया पर दाव खेला है। कांग्रेस ने इस बार भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को भिंड लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद संध्या राय पर फिर से भरोसा जताया है। मौजूदा सांसद को क्षेत्र में काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा है।
आज ही दिया था इस्तीफा
देवाशीष जरारिया ने पार्टी से आज इस्तीफा दे दिया। देवाशीष जरारिया को पार्टी के युवा दलित नेता के रूप में देखा जाता था। वहीं पार्टी छोड़ने के बाद देवाशीष जरारिया ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नेताओं ने मेरे राजनीतिक हत्या करने की जिम्मेदारी ले रखी है। कांग्रेस ने मुझे दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। जरारिया को दिग्विजय सिंह का समर्थक माना जाता है। इसके अलावा वे राहुल गांधी की टीम के अह्म सदस्य के रूप में काम करते रहे हैं।
त्रिकोणीय होगा मुकाबला
भिंड लोकसभा सीट पर बसपा का अच्छा प्रभाव माना जाता है, जबकि पार्टी को अब उम्मीदवार भी एक तरह से मजबूत मिल गया है, ऐसे में देवाशीष के चुनाव लड़ने से पहली नजर में कांग्रेस की परेशानियां बढ़ सकती हैं, हालांकि भाजपा भी अब अलर्ट हो सकती है। क्योंकि भिंड लोकसभा सीट पर तीनों मुख्य प्रत्याशी संध्या राय, फूल सिंह बरैया और देवाशीष जरारिया का अच्छा होल्ड माना जाता है। ऐसे में अब भिंड सीट पर मुकाबला रोचक होने की पूरी उम्मीद है.
भोपाल। चंबल अंचल की भिंड-दतिया सीट पर बहुजन समाज पार्टी भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकती है। इस सीट पर कांग्रेस से नाराज नेता देवाशिश जरारिया को बसपा ने चुनाव मैदान में उतार दिया है। देवाशीष ने आज ही कांग्रेस के इस्तीफा दिया था। इसके बाद बसपा ने उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
भिंड और दतिया संसदीय सीट अजा वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट पर बसपा ने आज प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बसपा ने कांग्रेस के नाराज नेता देवाशीष जरारिया को मैदान में उतार है। जरारिया ने आज ही सुबह कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन्होंने अलवर में बसपा सुप्रिमो के सामने बसपा की सदस्यता ग्रहण की। जरारिया द्वारा बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही बसपा ने सूची जारी कर भिंड से उन्हें प्रत्याशी घोशित कर दिया है। देवाशीष ने बताया कि वे 19 अप्रैल को अपना नामांकन भरेंगे।
गौरतलब है कि देवाशीश जरारिया ने 2019 में भिंड से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। वे यह चुनाव भाजपा की संध्या राय से एक लाख 99 हजार मतों से चुनाव हारे थे। इस चुनाव में बसपा तीसरे स्थान पर रही थी। बसपा प्रत्याशी को 66 हजार वोट हासिल हुए थे। बसपा का चंबल अंचल की मुरैना सीट के अलावा भिंड और दतिया सीट पर भी खासा प्रभाव है। इसके चलते बसपा ने इस बार युवा के तौर देवाशीश जरारिया पर दाव खेला है। कांग्रेस ने इस बार भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को भिंड लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद संध्या राय पर फिर से भरोसा जताया है। मौजूदा सांसद को क्षेत्र में काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा है।
आज ही दिया था इस्तीफा
देवाशीष जरारिया ने पार्टी से आज इस्तीफा दे दिया। देवाशीष जरारिया को पार्टी के युवा दलित नेता के रूप में देखा जाता था। वहीं पार्टी छोड़ने के बाद देवाशीष जरारिया ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नेताओं ने मेरे राजनीतिक हत्या करने की जिम्मेदारी ले रखी है। कांग्रेस ने मुझे दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। जरारिया को दिग्विजय सिंह का समर्थक माना जाता है। इसके अलावा वे राहुल गांधी की टीम के अह्म सदस्य के रूप में काम करते रहे हैं।
त्रिकोणीय होगा मुकाबला
भिंड लोकसभा सीट पर बसपा का अच्छा प्रभाव माना जाता है, जबकि पार्टी को अब उम्मीदवार भी एक तरह से मजबूत मिल गया है, ऐसे में देवाशीष के चुनाव लड़ने से पहली नजर में कांग्रेस की परेशानियां बढ़ सकती हैं, हालांकि भाजपा भी अब अलर्ट हो सकती है। क्योंकि भिंड लोकसभा सीट पर तीनों मुख्य प्रत्याशी संध्या राय, फूल सिंह बरैया और देवाशीष जरारिया का अच्छा होल्ड माना जाता है। ऐसे में अब भिंड सीट पर मुकाबला रोचक होने की पूरी उम्मीद है.