मुख्यमंत्री की घोषणा, कमलनाथ सरकार का बदला फैसला
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व की सरकार ने शिक्षकों को पूर्ण वेतन देने के लिए कई साल प्रतीक्षा करने का आदेश निकाला था, जो गलत था। इसे बदल कर नए सिरे से लागू किया जाएगा। अब शिक्षकों को दूसरे वर्ष में ही वेतन की 100 प्रतिशत राशि प्राप्त होने लगेगी। प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत राशि के बाद 100 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होता था। अब यह प्रक्रिया एक वर्ष में पूर्ण हो जाएगी। इसके लिए शिक्षकों को 4 वर्ष की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में नव-नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग नवीन शिक्षा नीति अच्छी तरह लागू करने के लिए बधाई का पात्र है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय सर्वे में 17वें नंबर से 5वें नंबर तक आया है। यह दोनों विभागों के परिश्रम का परिणाम है। शिक्षकों पर भावी पीढ़ी के निर्माण का दायित्व है। इस वर्ष 22 हजार से अधिक शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इन सभी का स्वागत है और यह भी अपेक्षा है कि नव नियुक्त शिक्षक भावी पीढ़ी के निर्माण का दायित्व निभायें। शिक्षक होना सिर्फ एक नौकरी नहीं समाज को बनाने का भी कार्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का सही नाम गुरू होता है। यहाँ मौजूद सभी शिक्षक गुरू हैं। गुरू वशिष्ठ और गुरू द्रोणाचार्य से लेकर अनेक ख्यातिनाम गुरू हुए। यदि कोई नौकरी के भाव से शिक्षक बनता है तो वह रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है जो आवश्यक भी है, लेकिन गुरू का कार्य प्रोफेशन से आगे मिशन भाव से कार्य करना है।
बिना शोर मचाए मध्यप्रदेश ने हासिल की उपलब्धि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के लिए भेजे वीडियो संदेश में कहा कि मध्यप्रदेश में व्यापक तौर पर शिक्षकों की भर्ती की गई है। इस साल 22 हजार शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने इन सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण बात है कि इन शिक्षकों में से लगभग आधे शिक्षक जनजातीय बहुल इलाकों के विद्यालयों में नियुक्त किए गए हैं। इनकी नियुक्ति से सर्वाधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मिलेगा। हमारी भावी पीढ़ी को लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का लक्ष्य रखा है, जो प्रसन्नता का विषय है। इस साल के अंत तक 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश शिक्षा सर्वे में देश में 17 वें स्थान से छलांग लगा कर 5 वें स्थान पर आ गया है। शिक्षा की गुणवत्ता की दृष्टि से मध्यप्रदेश की यह बड़ी उपलब्धि है। मध्यप्रदेश ने बिना शोर मचाए यह उपलब्धि हासिल की।