सांसद से विधायक बनने वालों पर नहीं खेला जाएगा दांव
भोपाल। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा अभी से उम्मीदवार को लेकर सक्रियता दिखा रही है। पार्टी इस बार नए चेहरों के अलावा कुछ वरिष्ठ विधायकों जिन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलेगा उन्हें मैदान में उतार सकती है। फिलहाल शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका क्या होगी, इसे लेकर दिल्ली हाईकमान फैसला करेगा।
विधानसभा चुनाव में मिली भारी जीत के बाद भाजपा एक ओर जहां प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन की तैयारी में जुटी है, वहीं दूसरी और पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों भी तेज कर दी है। इसे लेकर दिल्ली में 23 दिसंबर को बैठक भी हो सकती है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रह सकते हैं। इसके अलावा कहा यह भी जा रहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा बुला सकते हैं। इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा होनी है। सूत्रों की माने तो दिल्ली बैठक के पहले प्रदेश संगठन को उम्मीदवार चयन के लिए मंथन करने को कहा गया है। साथ ही दिल्ली नेतृत्व भी अभी से इस मामले में मंथन कर रहा है। वहीं संघ की सक्रियता भी नजर आ रही है।
सूत्रों की माने तो पार्टी ने जिन सांसदों को विधायक का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था, उन्हें फिर से सांसद का टिकट दिए जाने की संभावना कम ही नजर आ रही है। जिन सात सांसदों को प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ाया था उनमें से दो सतना से गणेश सिंह और मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव हार गए थे। जबकि पांच सांसद चुनाव जीते थे। वहीं दूसरी ओर विधानसभा पहुंचे वर्तमान विधायकों में से कुछ वरिश्ठ विधायकों को पार्टी लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है, इनमें विधायक हो सकते हैं, जिन्हें मंत्री नहीं बनाया जाएगा।
इन नामों की होने लगी चर्चा
पार्टी सूत्रों की माने तो चुनाव हारे वरिष्ठ नेताओं को भी पार्टी लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बना सकती है। इनमें पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और रामपाल सिंह का नाम बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन्हें मुरैना और नर्मदापुरम सीट से चुनाव लड़वाया जा सकता है। वहीं दमोह, सीधी, जबलपुर में प्रत्याशियों को लेकर मंथन ष्शुरू हुआ है। माना जा रहा है कि दमोह में पूर्व मंत्री जयंत मलैया या फिर गोपाल भार्गव को पार्टी मैदान में उतार सकती है। इसी तरह सीधी और जबलपुर में संगठन नए चेहरों पर मंथन में जुटा है। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका क्या होगी इसे लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व ही फैसला लेगा।