समन्वय बैठकों के जरिए असंतोष को थामेगी भाजपा

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जन आशीर्वाद यात्रा के बाद रूठों को मनाने का शुरू होगा दौर
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में जिस तरह असंतोष के स्वर उभरे हैं, उसे लेकर भोपाल से दिल्ली तक के नेता चिंतित हो गए हैं। दिल्ली के नेताओं ने प्रदेश संगठन को जल्द ही असंतोष को दूर करने को कहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा अब रूठे नेताओं को मनाने के लिए जन आशीर्वाद यात्रा के बाद समन्वय बैठकों के जरिए नेताओं को मनाने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश में भाजपा ने विधानसभा चुनाव को लेकर पहली सूची जारी करते हुए 39 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इन क्षेत्रों में घोषित किए गए प्रत्याशियों में से करीब डेढ दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों के विरोध में भाजपा नेता खुलकर मैदान में आए हैं। इतना ही नहीं कई नेताओं ने तो संगठन के खरी-खोटी तक सुना दी है। इसके बाद कुछ नेताओं ने दिल्ली पहुंचकर भी अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में भाजपा के पुराने और निष्ठावान नेताओं की नाराजगी दिनों दिन सामने आ रही है। नेताओं की इस नाराजगी के बाद भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व चिंतित हो उठा है। बताया जा रहा है कि नेताओं की नाराजगी को दूर करने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व में नाराज नेताओं को जल्द मनाने के निर्देश प्रदेश संगठन को दिए हैं। इसके चलते अब प्रदेश संगठन ने तय किया है कि जन आशीर्वाद यात्रा के बाद नाराज नेताओं को मनाने के लिए समन्वय बैठकें की जाए। इन बैठकों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी अलग-अलग नेताओं को सौंपी जा रही है।
बताया जा रहा है कि मालवा-निमाड़ की जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी है। इसके अलावा राश्टीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अन्य अंचलों में सक्रियता दिखाते हुए नाराज नेताओं के साथ बैठकें करेंगे। इन बैठकों के बाद भी अगर कोई नेता नहीं मानता है तो उसे भोपाल प्रदेश कार्यालय बुलाकर मनाने का प्रयास किया जाएगा।

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