कमलनाथ, दिग्विजय के बीच साठ से ज्यादा सीटों पर हो चुका है मंथन
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस में इस बार लगातार हारने वाली सीटां को फोकस कर जल्द प्रत्याशी घोशित करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इन सीटों पर जल्द प्रत्याशी घोशि कर देगी। वैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की ओर से यहां पर जीतने योग्य प्रत्याशी को मैदान में सक्रियता बढ़ाने के संकेत दे दिए गए हैं।
भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों में इस बार टिकट के दावेदारों की संख्या कम होने के बजाया बढ़ गई है। कांग्रेस में भी एक-एक सीट पर आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार होने के कारण संगठन के सामने मुसीबत पैदा हुई है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पहले ही साफ कर दिया है ि कइस बार टिकट का वितरण सर्वे और स्थानीय संगठन से चर्चा के बाद किया जाएगा। मगर इसके बाद भी टिकट के दावेदार अपने आकाओ के सहारे दावेदारी करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। वैसे कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर कमलनाथ ही नहीं बल्कि राहुल गांधी भी अपना सर्वे करा चुके हैं। उनकी टीम भी प्रदेश में सक्रिय रहकर जीतने योग्य उम्मीदवार को तलाश चुकी है। कहा जा रहा है कि कमलनाथ और राहुल गांधी के सर्वे में जो योग्य उम्मीदवार होगा, उसे ही टिकट मिलेगा। टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस इस बार लगातार हार रही करीब साठ सीटों पर जल्द प्रत्याशी घोषित करने की रणनीति बना चुकी है। बताया जा रहा है कि इन सीटों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कमान सौंपी थी, जिन पर सिंह ने जाकर कार्यकर्ताओं और स्थानीय पदाधिकारियों से चर्चा कर दावेदारों की स्थिति को जाना है। साथ ही उन्होंने स्थानीय संगठन को मैदान में सक्रिय रहने के निर्देश दिए थे। सिंह ने अपनी यह रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर दोनों नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच चर्चा भी हो चुकी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस माह के अंत में या फिर सितंबर माह के पहले सप्ताह में इन सीटों पर उम्मीदवारों की घोशणा कर सकती है।
लगातार हारने वाली इन सीटों पर फोकस
भोपाल जिले की बैरसिया, गोविंदपुरा, नरेला के साथ बुधनी, आष्टा, टिमरनी, रामपुर बघेलान, रीवा, मनगवां, त्योथर, दतिया, शिवपुरी, गुना, बमोरी, शमशाबाद, कुरवाई, बीना, खुरई, सुरखी, सागर, नरयावली, रहली, हटा, पथरिया, शुजालपुर, सुसनेर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, बदनावर, रतलाम, सुवासरा, मंदसौर, नीमच, जावद, सिरमोर, देवतालाब, सिंगरौली, देवसर, धौहानी, जयसिंह नगर, अनूपपुर, मुड़वारा, सिहोरा, जबलपुर कैंट, पनागर, सिवनी, पिपरिया, नर्मदापुरम, सांची, सारंगपुर, देवास, इंदौर-2, इंदौर-4, सांवेर, खातेगांव, बागली, हरसूद, बुरहानपुर, खंडवा, पंधाना, अशोकनगर, मुंगावली, चंदला, बिजावर शामिल है
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस में इस बार लगातार हारने वाली सीटां को फोकस कर जल्द प्रत्याशी घोशित करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इन सीटों पर जल्द प्रत्याशी घोशि कर देगी। वैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की ओर से यहां पर जीतने योग्य प्रत्याशी को मैदान में सक्रियता बढ़ाने के संकेत दे दिए गए हैं।
भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों में इस बार टिकट के दावेदारों की संख्या कम होने के बजाया बढ़ गई है। कांग्रेस में भी एक-एक सीट पर आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार होने के कारण संगठन के सामने मुसीबत पैदा हुई है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पहले ही साफ कर दिया है ि कइस बार टिकट का वितरण सर्वे और स्थानीय संगठन से चर्चा के बाद किया जाएगा। मगर इसके बाद भी टिकट के दावेदार अपने आकाओ के सहारे दावेदारी करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। वैसे कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर कमलनाथ ही नहीं बल्कि राहुल गांधी भी अपना सर्वे करा चुके हैं। उनकी टीम भी प्रदेश में सक्रिय रहकर जीतने योग्य उम्मीदवार को तलाश चुकी है। कहा जा रहा है कि कमलनाथ और राहुल गांधी के सर्वे में जो योग्य उम्मीदवार होगा, उसे ही टिकट मिलेगा। टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस इस बार लगातार हार रही करीब साठ सीटों पर जल्द प्रत्याशी घोषित करने की रणनीति बना चुकी है। बताया जा रहा है कि इन सीटों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कमान सौंपी थी, जिन पर सिंह ने जाकर कार्यकर्ताओं और स्थानीय पदाधिकारियों से चर्चा कर दावेदारों की स्थिति को जाना है। साथ ही उन्होंने स्थानीय संगठन को मैदान में सक्रिय रहने के निर्देश दिए थे। सिंह ने अपनी यह रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर दोनों नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच चर्चा भी हो चुकी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस माह के अंत में या फिर सितंबर माह के पहले सप्ताह में इन सीटों पर उम्मीदवारों की घोशणा कर सकती है।
लगातार हारने वाली इन सीटों पर फोकस
भोपाल जिले की बैरसिया, गोविंदपुरा, नरेला के साथ बुधनी, आष्टा, टिमरनी, रामपुर बघेलान, रीवा, मनगवां, त्योथर, दतिया, शिवपुरी, गुना, बमोरी, शमशाबाद, कुरवाई, बीना, खुरई, सुरखी, सागर, नरयावली, रहली, हटा, पथरिया, शुजालपुर, सुसनेर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, बदनावर, रतलाम, सुवासरा, मंदसौर, नीमच, जावद, सिरमोर, देवतालाब, सिंगरौली, देवसर, धौहानी, जयसिंह नगर, अनूपपुर, मुड़वारा, सिहोरा, जबलपुर कैंट, पनागर, सिवनी, पिपरिया, नर्मदापुरम, सांची, सारंगपुर, देवास, इंदौर-2, इंदौर-4, सांवेर, खातेगांव, बागली, हरसूद, बुरहानपुर, खंडवा, पंधाना, अशोकनगर, मुंगावली, चंदला, बिजावर शामिल है