Toll Tax : हाइवे पर सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर है। जल्दी ही देशभर के Toll Tax भी बंद होने वाले हैं और फास्टैग भी बंद हो जाएगा इसके लिए नए विकल्प को लेकर Nitin Gadkari ने बड़ा ऐलान किया है। देश में हाइवे पर मौजूदा टोल प्लाजा को हटाने के लिए सरकार अगले छह महीने में जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम समेत अन्य तकनीक पेश करेगी. अगर आप भी हाइवे पर अपनी कार से सफर करते हैं तो टोल प्लाजा पर लगने वाला समय आपको अच्छा नहीं लगता होगा. सरकार की तरफ से लगातार टोल प्लाजा पर लगने वाले औसत समय को कम करने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक नए सिस्टम टोल वसूलने के लिए सरकार नई तकनीक लाने जा रही है। किसी हाईवे या एक्सप्रेसवे पर जैसे ही गाड़ी चलनी शुरू होगी, उसके टोल का मीटर ऑन हो जाएगा. अपना सफर खत्म करने के बाद गाड़ी जैसे ही हाइवे से स्लिप रोड या किसी सामान्य सड़क पर उतरेगी, तय दूरी के हिसाब से नेविगेशन सिस्टम पैसा काट लेगा.
फास्टैग सिस्टम से भी मिलेगी राहत
टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली के लिए लगे फास्टैग (FASTag) सिस्टम को सरकार खत्म करने वाली है. नए सिस्टम में किलोमीटर के हिसाब से या तय की गई दूरी के हिसाब से टोल टैक्स लिया जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि एक साल के अंदर ही देश में नई तकनीक से टोल को वसूला जाएगा. इसके साथ ही फास्टैग सिस्टम से भी आपको राहत मिल जाएगी. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने खुद संसद में इसका ऐलान किया है. देश भर में टोल टैक्स में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है.
टेस्टिंग मोड पर चल रहा काम
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना टोल कलेक्शन करने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरा) की परीक्षण योजना पर काम कर रहा है. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, टोल प्लाजा पर एक वाहन के रुकने का औसत समय 8 मिनट था. 2020-21 और 2021-22 में फास्टैग आने के बाद टोल प्लाजा पर वाहनों के रुकने का औसत समय घटकर 47 सेकेंड रह गया है.
बदलना पड़ेगा सारे गाड़ियों का नंबर प्लेट
आपको बता दें सरकार के नए प्लान से काफी पारदर्शिता देखने को मिलेगी. इसको जल्द ही अमल में लाया जाएगा. नई टेक्नोलॉजी के मुताबिक, नंबर प्लेट में चिप लगाई जाएगी, जिसके बाद पुरानी नंबर प्लेट को नई नंबर प्लेट में बदला जाएगा.
सॉफ्टवेयर के जरिए होगी वसूली
कंप्यूटराइज्ड प्रणाली के जरिए एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से टोल वसूली की जाएगी. इसके अलावा जीपीएस सिस्टम के माध्यम से सीधे वाहन स्वामी के अकाउंट से भी टोल वसूली करने की तकनीक पर काम चल रहा है. दोनों में किस विकल्प को लागू किया जाएगा इसकी सूचना जल्द ही मिल जाएगी.
फायदा : जितनी दूरी उतना ही देना होगा टेक्स
टोल नाकों पर जल्द ही फिक्स चार्ज सिस्टम से राहत मिलने वाली है, जिससे टोल हाइवे का इस्तेमाल जल्द ही सस्ता हो जाएगा. दरअसल हाइवे पर छोटी दूरी हो या लंबी दूरी… टोल नाके पर सबको बराबर रकम चुकानी पड़ती है. यानी जो लोग 10 किलोमीटर का सफर करते हैं और जो 50 किलोमीटर का सफर करते हुए, दोनों को ही बराबर रकम चुकानी पड़ती है. अभी अगर कोई व्यक्ति टोल रोड पर 10 किलोमीटर की दूरी भी तय करता है तो उसे 75 किलोमीटर का शुल्क देना पड़ता है ऐसे में कम दूरी का सफर करने वाले लोग अपने आपको ठगा हुआ महसूस करते हैं.