भोपाल. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति में बड़ा संशोधन किया है. सामान्य प्रशासन विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार अनुकंपा नीति में हुए इस संशोधन के बाद अब नौकरी के दौरान मृत हुए सरकारी कर्मचारी की विवाहित बेटी और विधवा बहू को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. नये नियम के अनुसार मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रित पति अथवा पत्नी के पास जरूरी योग्यता न होने पर या आश्रित स्वयं अनुकंपा नियुक्ति लेने से इनकार कर दे तो उनके द्वारा नामांकित पुत्र या अविवाहित पुत्री को अनुकंपा का प्रावधान था. इसमें संशोधन करते हुए अब विवाहित बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता प्रदान की गई है.
इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुकंपा नीति के नियमों में किए गए परिवर्तन से पहले ऐसी विधवा, तलाकशुदा बेटी जो सरकारी कर्मचारी की मौत के समय उस पर पूरी तरह आश्रित होकर उसी के साथ रह रही हो या कर्मचारी की मौत के बाद उसके आश्रित पति या पत्नी के न होने की स्थिति में विधवा पुत्रवधू (जो कर्मचारी की मौत के वक्त उनपर आश्रित थी और उन्हीं के साथ रह रही थी) उसको अनुकंपा का नियम था. वहीं नये नियम के अनुसार अनुकंपा के लिए पात्र सदस्य न होने की स्थिति में सरकारी कर्मचारी की विधवा पुत्रवधू (जो कर्मचारी की मृत्यु के समय उनपर आश्रित होकर साथ रह रही थी) अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र होगी.
अनुकंपा नीति के वतज़्मान नियम के अनुसार अविवाहित दिवंगत सरकारी कमज़्चारी के भाई या अविवाहित बहन को मृतक कर्मचारी के माता-पिता की अनुशंसा के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है. यदि मृतक अविवाहित कमज़्चारी के माता-पिता भी जीवित न हों तो उनके आश्रित अविवाहित छोटे भाई या बहन को आपसी सहमति के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति मिलती है. वहीं इसमें बदलाव करते हुए अविवाहित मृतक सरकारी कर्मचारी के भाई या बहन को दिवंगत कर्मचारी के माता-पिता की अनुशंसा के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. इसमें अब बहन के अविवाहित होने का नियम हटा दिया गया है.
वहीं अनुकंपा नीति में संशोधन से पहले दिवंगत सरकारी कमज़्चारी की संतान सिफज़् बेटियां हों और वह विवाहित हो तो मृतक कमज़्चारी के आश्रित पति या पत्नी द्वारा नामांकित बेटी अनुकंपा के लिए पात्र थी. इसके साथ ही इसमें यह भी नियम था कि मृतक कमज़्चारी के आश्रित पति अथवा पत्नी के जीवित होने पर ही बेटी को अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी और उसे मृत कमज़्चारी के आश्रित, जो जीवित हैं मां अथवा पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी निभाने का लिखित में शपथ पत्र देना होगा. अब इन नियमों को पूरी तरह से हटा दिया गया है.