भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस बैखौफ बदमाशों के आगे बेबस दिखाई दे रही है। प्रदेश में अपराधियों पर पुलिस का खौफ ही खत्म हो गया है। जिसके चलते कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि ग्वालियर में पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ, उसके बाद बुरहानपुर के नेपानगर थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी गई और अपराधियों को लॉकअप से छुड़ा ले गए। और उस बार राजधानी भोपाल में पुलिस पर हमला हुआ है। इससे पहले भी कई जिलों में पुलिस पर हमले होते रहे हैं। सवाल ये भी है कि आखिर पुलिस क्यों पिट रही है ? जब जनता की रखवाले पुलिस पर ही अटैक होगा, तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी।
भोपाल में पुलिस पर रॉड से हमला
भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में चोरी के मामले में पकड़ाए आरोपियों ने पुलिसकर्मी पर रॉड से हमला कर दिया. आरोपी विशाल विश्वकर्मा ने पुलिसकर्मी पर रॉड से अटैक कर भाग निकला. जिससे एक पुलिसकर्मी को चोट आई है. जबकि दूसरे आरोपी जावेद को पुलिस ने पकड़ लिया है. वाहन चेकिंग के दौरान दोनों आरोपी पकड़ाए थे. अब पुलिस फरार आरोपी की तलाश कर रही है।
ग्वालियर में भी पुलिसकर्मियों पर हुआ हमला
ग्वालियर में भी पुलिसकर्मियों को पीटा गया था. जंगल से लकड़ियां चोरी करके ले जा रहे लोगों को रोका गया तो पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया गया. उटीला के जंगलों में करीब आधा दर्जन लकड़ी चोरी कर माफिया ले जा रहे थे, इन लोगों को जब पुलिस ने घेर लिया इन लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया. इसके साथ ही अतिक्रमण रोकने पर भी पुलिस पर हमला हो चुका है।
बुरहानपुर में थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों की पिटाई
बुरहानपुर जिले के नेपानगर थाने में 60 से अधिक वन भूमि अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर अपने तीन साथियों को छुड़ा ले गए। इस पथराव में पुलिस के तीन जवान जख्मी हुए। पिटाई का वीडियो भी सामने आया है। क्षेत्र में डीआईजी, एसपी, कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार सहित बीएसएफ, एसटीएफ व पुलिस के 1000 जवान मौके पर तैनात है। अब पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने नाराजगी जताई है। बुरहानपुर के बड़े पुलिस अधिकारियों से बात कर डीजीपी ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। घायल पुलिसकर्मियों के भी समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही अपराधियों पर एनएसए की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।