नई दिल्ली. मार्च में रिटेल महंगाई दर घटकर 5.66 प्रतिशत पर आ गई है. फरवरी में महंगाई दर 6.44% रही थी, जो रिजर्व बैंक के टॉलरेंस लेवल (2-6 प्रतिशत) से ज्यादा थी. वहीं जनवरी में महंगाई 6.52 प्रतिशत रही थी. खाने-पीने के सामान के दामों में गिरावट आने से महंगाई घटी है. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) के बास्केट में लगभग आधी हिस्सेदारी खाद्य पदार्थों की होती है.
रिटेल महंगाई का ये 15 महीने का निचला स्तर है. नवंबर 2021 में महंगाई दर 4.91 प्रतिशत और दिसंबर 2021 में 5.66 प्रतिशत रही थी. वहीं खाद्य महंगाई दर की बात करें तो ये मार्च 23 में घटकर 4.79त्न पर आ गई है. फरवरी में ये 5.95 प्रतिशत थी. बिजली और ईंधन की महंगाई भी घटी है. बिजली और ईंधन की महंगाई 9.90 प्रतिशत से घटकर 8.91 प्रतिशत पर आ गई है.
फरवरी में आईआईपी 5.6 प्रतिशत रही
सरकार ने फरवरी का इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन यानी आईआईपी डेटा भी जारी किया है. फरवरी में आईआईपी 5.6 प्रतिशत रही, जो कि उसके पिछले महीने यानी जनवरी के 5.5 प्रतिशत से ज्यादा है. दिसंबर 2022 में आईआईपी 4.7 प्रतिशत रही थी. वहीं फरवरी 2022 में आईआईपी की ग्रोथ 1.17 प्रतिशत रही थी. आईआईपी से पता चलता है कि देश की फैक्ट्रियों में कामकाज कैसा चल रहा है.
महंगाई को आरबीआई ऐसे कंट्रोल करता है
महंगाई कम करने के लिए बाजार में पैसों के बहाव (लिक्विडिटी) को कम किया जाता है. इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) रेपो रेट बढ़ाता है. जैसे आरबीआई ने 6 अप्रैल को रेपो रेट में इजाफा न करने का फैसला किया था. इससे पहले आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार 6 बार इजाफा किया था. महंगाई के अनुमान में भी कटौती की थी.