चांद पर नहीं उतर पाया दुनिया का पहला निजी लैंडर, सतह पर हुआ दुर्घटनाग्रस्त

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टोक्यो. जापान का एक निजी मिशन मंगलवार की रात चंद्रमा पर उतरने में असफल रहा. हकोतो-आर मिशन संयुक्त अरब अमीरात के राशिद रोवर के साथ तेजी से उतरने के प्रयास के बाद सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बता दें कि अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स ने जापान की निजी कंपनी आईस्पेस के हाकुतो-आर अभियान का प्रक्षेपण किया था. वहीं आईस्पेस के अधिकारियों ने कहा कि हम संचार स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं और हमें यह मानना होगा कि हम चंद्र सतह पर लैंडिंग पूरी नहीं कर सके.

पिछले साल दिसंबर में स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किए जाने के बाद अंतरिक्ष यान करीब एक महीने पहले चंद्र की कक्षा में पहुंचा था. हकोतो-आर ने मंगलवार को चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई से 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरते हुए चंद्र सतह पर उतरना शुरू किया. लैंडिंग के प्रयास के दौरान कम्युनिकेशन ब्लाक रहा. इसके बाद गुम होने की पुष्टि हुई.

लैंडर को JAXA, जापानी टॉयमेकर टॉमी और सोनी ग्रुप के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात के चार-पहिया राशिद रोवर द्वारा विकसित दो-पहिया, बेसबॉल-आकार के रोवर को तैनात करने के लिए डिज़ाइन किया गया था. यहां तक कि मिशन असफल होने के बाद भी, आईस्पेस का हकोतो-आर चंद्र कक्षा में प्रवेश करने और लैंडिंग का प्रयास करने में कामयाब रहा और ऐसा करने वाला यह पहला निजी रूप से वित्त पोषित मिशन बन गया. एलन मस्क का स्पेसएक्स अपने स्टारशिप सुपर हैवी रॉकेटशिप के साथ इंसानों को चंद्रमा पर ले जाने की योजना बना रहा है, जिसने हाल ही में एक कक्षीय उड़ान में अपना पहला प्रयास किया था. स्पेसएक्स को एक साल के भीतर वहां पहुंचने की उम्मीद है. कंपनी ने पहले ही इंसानों के साथ स्टारशिप की पहली चंद्र उड़ान के रूप में डियरमून मिशन की घोषणा की है.

आईस्पेस के अलावा, अमेरिका ने अपने आर्टेमिस-2 मिशन की घोषणा की है जो पहली महिला और रंग के व्यक्ति को चंद्रमा के चारों ओर कक्षा में ले जाएगा. यह आधी सदी से भी अधिक समय में चंद्रमा के लिए पहला मानवयुक्त मिशन होगा और संभवतः 2024 में लॉन्च होगा.

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