भोपाल। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने माना कि देश में डीएनए के प्रकरणों की पेंडेंसी 9 हजार से अधिक है। इसमें कमी जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में एक नई डीएनए लैब एक माह में शुरू हो जाएगी।
पुलिस महानिदेशक ने यह बात आज राजधानी में प्रदेश की समस्त एफएसएल (न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशालाओं) के उन्नयन के विषय पर दो दिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि न्यायालयों का विश्वास मौखिक साक्ष्य से वैज्ञानिक साक्ष्य की ओर बढ़ा है। बहुत शीघ्र कानून में बदलाव आने वाला है कि जिन प्रकरणों में छह वर्ष से अधिक सजा का प्रावधान है, उनमें फोरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य कर दिये जाएंगें। अतः इसकी कार्ययोजना अभी से बना ली जाए। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मध्यप्रदेश में डीएनए शाखा द्वारा 6 सौ से अधिक प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा जो हर्ष का विषय है किन्तु प्रदेश में डीएनए प्रकरणों की पेंडेंसी लगभग 9 हजार से अधिक है, जिसे कम करना बहुत ही जरूरी है। इस लिए ग्वालियर में एक माह के अंदर नई डीएनए लैब शुरू होने वाली है। साथ ही लगभग तीन माह में भोपाल में भी एक अतिरिक्त डीएनए लैब शुरू होने वाली है।यथाशीघ्र मप्र की प्रयोगशालाओं में 44 वैज्ञानिक अधिकारियों की भर्ती होने के उपरांत आशा है कि पेंडेंसी को तेजी से घटाने का प्रयास किया जाएगा। एफएसएल की परीक्षण रिपोर्ट बहुत ही सटीक एवं सरल भाषा में तैयार किये जाने के लिए इस सेमिनार में प्रयास किये जाएंगे।