तीन दिवसीय आईएएस सर्विस मिट के शुभारंभ अवसर पर एमडी मनीष सिंह सहित इंदौर कलेक्टर द्वारा दिव्यांग महिला की सहायता को मुख्यमंत्री ने बताया बेहतर और सभी के लिए प्रेरक भी
इंदौर। कोविड के कारण तीन साल तक आईएएस सर्विस मिट का आयोजन नहीं हो सका। अब तीन दिवसीय आयोजन की शुरुआत कल भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने की। प्रशासकीय अकादमी में आयोजित इस कार्यक्रम में इंदौर सहित प्रदेशभर के आईएएस अधिकारी जुटे। मुख्यमंत्री ने काबिल अफसरों की पीठ थपथपाई। वहीं अभी दोनों इंदौर में हुए बड़े आयोजनों के मद्देनजर शहरवासियों द्वारा मेहमानों की की गई आवभगत की प्रशंसा भी एक बार फिर की।
इस सर्विस मिट में विभिन्न तरह के खेल के साथ-साथ सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं, जिसमें वर्तमान और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शामिल होते हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शुभारंभ करते हुए कहा कि कोविड के दौरान भी हमारी टीम ने श्रेष्ठतम् सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया और कई अधिकारी नवाचार के साथ-साथ संवेदनशील तरीके से काम करते हैं। हालांकि व्यस्तता के बीच परिवार को समय देने की सलाह भी मुख्यमंत्री ने दी। वहीं इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा द्वारा की जा रही जनसुनवाई की प्रशंसा करते हुए शिवराज ने कहा कि एक दिव्यांग महिला को ट्राइसिकल दिलवाकर उसके रोजगार का मार्ग भी खोला। इस तरह की संवेदनशीलता अन्य अफसरों को भी दिखाना चाहिए। वहीं एमपीएस आईडीसी के एमडी और इंदौर के पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह की भी मुख्यमंत्री ने जमकर सराहना की। दरअसल इस बार की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अब तक की सबसे कामयाब रही, जिसमें लगभग 15 लाख करोड़ रुपए तक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं और मात्र डेढ़ महीने में प्रवासी सम्मेलन और समिट की तैयारियों को अंजाम दिया गया, जिसमें एमडी, प्रमुख सचिव से लेकर इंदौर के सभी अधिकारी जुटे रहे।
वहीं मनीष सिंह की इस बात के लिए भी मुख्यमंत्री ने तारीफ की कि उन्होंने सम्मेलन और समिट की सफलता के लिए रात-दिन जमकर मेहनत की और 17-18 घंटे तक काम किया। आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि कोरोना के कारण समिट में दो साल व्यवधान आया और इस तरह के आयोजन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अधिकारियों द्वारा आपस में बातचीत से भी यह जानकारी सामने आती है कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री को भी दिए गए डीनर आयोजन के लिए भी धन्यवाद दिया। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने रात-दिन मेहनत कर राज्य को विकासशील बनाया, जबकि पहले यह बीमारू राज्य था। प्रति व्यक्ति आय भी अब बढक़र 1 लाख 37 हजार हो गई, तो जीडीपी भी सवा लाख करोड़ से बढक़र 12 लाख करोड़ तक पहुंच गई है और राजस्व वसूली में भी हम तमाम राज्यों से आगे हैं।
यह सब अफसरों और टीम वर्क का काम है। उन्होंने कोरोना काल का उदाहरण भी दिया और कहा कि तब हमारे सामने तमाम विकट चुनौतियां थीं, लेकिन अस्पतालों के संचालन से लेकर दवाइयों, इंजेक्शन और ऑक्सीजन का जिस तरह मैनेजमेंट अधिकारियों, खासकर कलेक्टरों ने किया वह काबिल-ए-तारीफ है। इस तरह की आपदा में बेहतर काम करने वाले अफसरों पर हमें गर्व है। उन्होंने आलोचना से न डरने और वल्लभ भवन में मुंह लटकाकर न बैठने की बात भी कही, क्योंकि कई अफसर शाम को 7 बजने का इंतजार करते हैं, ताकि घर चले जाएं। जबकि उन्होंने प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का उदाहरण दिया, जो जुनून की तरह काम में भिड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि जनता हमारे लिए सब कुछ है और अधिकारियों को लगातार मैदानी दौरे करते रहना चाहिए। साथ ही कर्मचारी कल्याण पर भी ध्यान दें।