भोपाल। विधानसभा के 2018 के चुनाव में 12 सौ से ज्यादा मामले दर्ज कराए गए थे। इनमें से एक हजार से ज्यादा मामलों में आयोग ने न्यायालय में अभियोग पत्र जारी किए थे।
यह जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन को पुलिस महानिरीक्षक संजय तिवारी ने प्रकरणों की समीक्षा के दौरान दी। राजन ने लंबित प्रकरणों के जल्द निराकरण कराने प्रयास करने के निर्देश दिए। तिवारी ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2018 में 1244 प्रकरण दर्ज हुए थे। 1078 प्रकरणों का अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इनमें से 577 प्रकरणों का निराकरण और 163 प्रकरणों में खात्मा दर्ज किया गया। 3 प्रकरण पुलिस विवेचना में है। इसी प्रकार लोकसभा निर्वाचन 2019 में 731 प्रकरण दर्ज कर 608 प्रकरणों का अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा 383 प्रकरणों का निराकरण और 114 प्रकरणों का पुलिस ने खात्मा दर्ज किया है। पुलिस 9 प्रकरणों की विवेचना कर रही है। राजन ने लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए।
जिन मतदान केन्द्रों में मोबाइल नेटवर्क नहीं, उन्हें करें चिन्हित
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ निर्वाचन सदन में बैठक की। उन्होंने समस्त मतदान केंद्रों में मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त की। राजन ने शैडो एरिया के संबंध में मोबाइल नेटवर्क कंपनी के प्रतिनिधियों को 15 दिन के भीतर जानकारी उपलब्ध कराने और जिन मतदान केंद्रों पर नेटवर्क नहीं रहता है, उन्हें चिन्हित करने के निर्देश दिए है। मोबाइल नेटवर्क कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रदेश में एयरटेल के 41 हजार 370 गांव में नेटवर्क, जियो के 51 हजार 850 गांव में नेटवर्क, वोडाफोन के 40 हजार 374 गांव में नेटवर्क है। विगत विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान 718 मतदान केंद्र शैडो एरिया में थे।