मणिपुर हिंसा में MP के 13 स्टूडेंट फंसे, एक छात्र जबलपुर का, कहा कैम्पस के आसपास चल रहे बम-गोलियां

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जबलपुर. मणिपुर में मैतेई आरक्षण विवाद को लेकर भड़की हिंसा के बीच मध्यप्रदेश के 13 छात्र फंसे है. जिसमें एक छात्र सुयश पटैल जबलपुर का रहने वाला है. इन छात्रों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि हमारे केम्पस के आसपास रोज बम फूट रहे है, गोलियां चलाई जा रही है. यहां तक कि अब खाने पीने तक की परेशानी बढ़ती जा रही है. इधर पूर्व CM कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से छात्रों को रेस्क्यू कराने की मांग की है.

बताया गया है कि मणिपुर में मैतेई आरक्षण को लेकर हिंसा भड़क गई है. हालात बिगड़ते ही जा रहे है. जिसके चलते इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, आधे से ज्यादा जिलों में कफ्र्यू लगा दिया गया है. मणिपुर की राजधानी इंफाल स्थित नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी व दूसरे एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में मध्यप्रदेश के भी छात्र अध्ययनरत है.  नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में MP के 13 स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. इनमें खंडवा के 3, खरगोन की एक छात्रा, बैतूल, इंदौर, ग्वालियर के 2-2, JABALPUR का 1, शिवपुरी का 1 व सिंगरौली का 1 छात्र शामिल है. इन छात्रों का कहना है कि इम्फाल में कुमान लंपक स्टेडियम में नेशनल स्पोटर्स यूनिवर्सिअी  में केम्पस है, यहां पर तीन दिन से गोलियां चल रही है. केम्पस के आसपास बम के धमाके हो रहे है. कई बार आग तक लग चुकी है. सभी छात्र दहशत में है कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. यहां तक कि अब यहां पर खाने की दिक्कत भी होने लगी है. फेकल्टी का कहना है कि खाने का स्टाक खत्म हो रहा है. छात्रों ने सीएम शिवराजसिंह चौहान से गुहान लगाई है कि जल्दी ही यहां से रेस्क्यू करा लिया जाए, हालात बिगड़ते ही जा रहे है. इधर पंधाना से विधायक राम दांगोरे का कहन है कि मणिपुर में बांग्लादेशी घुसपैठियों के जरिए दंगे कराए जा रहे है. दंगों के बीच मध्यप्रदेश के 13 छात्र फंसे हुए है. सीएम शिवराजसिंह चौहान से चर्चा कर छात्रों को एयर लिफ्ट कर बचाने का आग्रह किया गया है. पूर्वोत्तर की कई सरकारों ने अपने छात्रों को एयरलिफ्ट करा लिया है. एमपी सरकार भी छात्रों को एयरलिफ्ट कर अपने घर लेकर आएगी. सीएम शिवराजसिंह ने मणिपुर के राज्यपाल से फोन पर चर्चा भी की है.

एमपी के ये छात्र फंसे है-

बताया गया है MP के जबलपुर से सुयश पटेल, खंडवा शशिभान तिवारी, शिवम राय, हर्ष राव, खरगोन शिल्पा सोनी, बैतूल आलोक राय, सचिन आर्या, इंदौर अजय पाल, करन कुंतल, ग्वालियर हर्षित वर्मा, हर्ष सिंह, जबलपुर सुयश पटेल, शिवपुरी मनोज पाल व सिंगरौली से ऋतिक मिश्रा यहां पर फंसा है.

इस कारण हो रही हिंसा-

सूत्रों की माने तो मणिपुर में मैतेई ट्राइब यूनियन करीब एक दशक से मैतेई को आदिवासी का दर्जा देने का मांग कर रहा है. जिसके चलते मणिपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. जिसपर सुनवाई करते हुए मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए कहा था. इस सिफारिश में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के लिए कहा गया है. इससे आदिवासी भड़क गए. मैतेई और आदिवासियों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं.

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