– विधानसभा चुनाव के लिए इस बार उलटी बयार चलती दिख रही है। आमतौर पर हर चुनाव में कांग्रेस की टिकट के दावेदार हफ्तों-महीनों दिल्ली में डेरा डाले रहते थे। लंबी मशक्कत के बाद टिकट लेकर आते थे। टिकट की लड़ाई में ही थक हार चुके कांग्रेस के ये नेता भाजपा के दिग्गजों से मुकाबला करते थे। कई बार जीतते और ज्यादातर हार जाते थे। लेकिन इस बार राजनीतिक हालात कुछ अलग हैं। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस की तस्वीर लगभग स्पष्ट है। अधिकांश टिकट प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बाटेंगे और जो कमजोर सीटें दिग्विजय सिंह को सौंपी गई हैं, उनके लिए उनकी सिफारिश को तरजीह दी जाएगी। कहा जा रहा है कि इस चुनाव में टिकट के लिए कांग्रेस के किसी दावेदार को दिल्ली दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। दूसरी ओर भाजपा की स्थिति इसके उलट दिखाई पड़ती है। यहां टिकट संगठन और मुख्यमंत्री मिलकर भोपाल में तय करते थे। दिल्ली से इक्का-दुक्का परिवर्तनों को छोड़कर सूची जारी हो जाया करती थी। लेकिन भाजपा के अंदर जैसी सिर फुटौव्वल है और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जिस तरह मध्य प्रदेश पर फोकस बना रखा है। इसे देखकर लगता है कि भाजपा में टिकट के ज्यादातर दावेदार इस बार दिल्ली दौड़ लगाएंगे। वजह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके समर्थक भी हैं।