कूनों में एक और मादा चीता की मौत

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तीन महीने में तीसरी मौत
भोपाल। प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाई गई दक्षा नाम की मादा चीता की मौत हो गई। दक्षा से पहले नमीबिया से लाई गई मादा चीता साशा और साउथ अफ्रीका से लाए गए नर चीते उदय की भी मौत हो चुकी है।
वन विभाग से मिली अधिकृत जानकारी के अनुसार मेटिंग के दौरान नर चीते अग्नि द्वारा दक्षा को घायल किया गया था। लगभग एक घंटे चले उपचार के बाद उसने दम तोड़ दिया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जसवीर सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया है कि दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ी गई मादा चीता दक्षा को मॉनिटरिंग दल द्वारा 9 मई  को पौने ग्यारह बजे घायल अवस्था में पाया गया था। पशु चिकित्सकों द्वारा इसका उपचार भी किया गया। दक्षा चीता बाड़ा क्रमांक एक में छोड़ी गई थी तथा समीप के बाड़ा क्रमांक 7 में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता कोयलिशन वायु तथा अग्नि को छोड़ा गया था। मादा चीता दक्षा के शरीर पर पाए गए घाव प्रथम दृष्टया मेल से हिंसक इन्टरेक्शन संभवतः मेटिंग के दौरान होना प्रतीत होता है। मृत चीता का नियमानुसार शव परीक्षण पशु चिकित्सक दल द्वारा किया जा रहा है।
साशा और उदय की हो चुकी है मौत
27 मार्च को मादा चीता साशा की मौत हुई थी। इसके बाद 24 अप्रैल को नर चीते उदय ने भी दम तोड़ दिया था। ठीक 43 दिनों के अंदर अब तीसरे चीते की मौत ने भारत में चीता पुनर्वास प्रोजेक्ट पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह प्रोजेक्ट एनटीसीए के प्रोटोकाल के मुताबिक चल रहा है। इसके तहत कूनो में पदस्थ अमला न केवल चीतों की निगरानी करता है, बल्कि उनके व्यवहार पर भी नजर रखता है। ऐसे में नर चीते द्वारा मादा चीते पर किए गए हमले की जानकारी समय पर स्टाफ को न मिल पाना गंभीर लापरवाही की तरफ भी इशारा करता है।

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