भोपाल। हिज्ब-उत-तहरीर संगठन के 10 सदस्यों को आज रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया। अदालत में सुनवाई के बाद सभी 10 सदस्यों को 2 जून तक ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया है। अब सभी 16 सदस्य ज्यूडिशियल रिमांड पर रहेंगें
हिज्ब-उत-तहरीर के 16 सदस्यों को एटीएस ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। 10 भोपाल से, 1 छिंदवाड़ा और 5 हैदराबाद से गिरफतार किया गया था। 19 मई को एटीएस ने इन्हें अदालत में पेश किया था, जहां से 10 सदस्यों को रिमांड पर दिया गया था, ष्शेश 6 को जेल भेज दिया गया था। जिन 10 सदस्यों को रिमांड पर लिया गया था, उनकी रिमांड अवधि आज समाप्त होने पर फिर से अदालत में उन्हें पेश किया गया। अदालत ने आज उन्हें जेल भेज दिया है। अब पकड़े गए सभी 16 सदस्य जूडिशियल रिमांड पर रहेंगे। बताया जा रहा है कि सभी सदस्यों के पास से हिज्ब-उत-तहरीर संगठन से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। संभावना यह भी जताई जा रही है कि एटीएस अब बड़ा खुलासा कर कार्रवाई कर सकती है।
संदिग्धों के कब्जे से आपत्तिजनक साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कुछ अन्य सामग्री जब्त की गई है। पिछले साल, भोपाल से कई लोगों को प्रतिबंधित समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के साथ कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था और उनके पास से जिहाद से जुड़े साहित्य और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए थे।
सिमी का साजिद नागौरी करता था फडिंग
हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्यों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। एटीएस को पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि इस संगठन के सदस्यों का सिमी संगठन से नेटवर्क जुड़ा था। ये सदस्य सिमी के नेटवर्क की मदद से प्रदेश में हिज्ब-उत-तहरीर संगठन को मजबूत करना चाहते थे। सलीम नाम के पकड़े गए सदस्य ने सिमी के सदस्य साजिद नागौरी से दो बार उज्जैन जिले के महीदपुर जाकर मुलाकात भी की थी। साजिद नागौरी, सलीम को फंडीग भी करता था।