नई दिल्ली. मुश्किलों में फंसी गो फर्स्ट एयरलाइन ने अपने पायलटों को नौकरी छोडऩे से रोकने के लिए हर महीने 1 लाख रुपए एक्स्ट्रा सैलरी देने का ऑफर दिया है. इसके साथ ही फर्स्ट ऑफिसर्स और को-पायलटों की सैलरी को 50 हजार रुपए बढ़ाने का ऐलान किया है.
एयरलाइन ने इस एक्स्ट्रा सैलरी देने के ऑफर को रिटेंशन अलाउंस नाम दिया है, जिसे 1 जून से लागू किया जाएगा. गो फर्स्ट ने अपने एम्प्लॉइज को एक्स्ट्रा सैलरी देने का यह ऑफर ऐसे समय में दे रही है जब 3 मई से उसकी सभी उड़ाने बंद हैं, जिसे आज एयरलाइन ने 30 मई से बढ़ाकर 4 जून तक कर दिया है. इसके साथ ही एयरलाइन दिवालिया कार्यवाही का भी सामना कर रही है.
इस्तीफा दे चुके पायलटों को भी एक्स्ट्रा सैलरी देने का ऑफर
गो फर्स्ट एयरलाइन ने एक्स्ट्रा सैलरी देने का यह ऑफर उन पायलटों को भी दिया है, जिन्होंने हाल ही में इस्तीफा दिया है. कंपनी ने ऐसे एम्प्लॉइज को रिटेंशन अलाउंस के लिए 15 जून तक अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा है.
लॉन्गिविटी बोनस भी देगी कंपनी
एम्प्लॉइज को भेजे मेल में गो फर्स्ट एयरलाइन ने कहा है कि वह जल्द लंबे समय से काम कर रहे एम्प्लॉइज के लिए लॉन्गिविटी बोनस लेकर आएगी.
30 दिन के अंदर गो फर्स्ट को देना है रिवाइवल प्लान
इससे पहले 24 मई को एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने गो फर्स्ट को ऑपरेशन के रिवाइवल के लिए कॉम्प्रिहेंसिव प्लान देने के लिए 30 दिन का समय दिया है. इसके अलावा ष्ठत्रष्ट्र ने एयरलाइन से ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट, पायलट और दूसरे अधिकारियों की उपलब्धता, मेनटेनेंस एग्रीमेंट और फंडिंग के स्टेटस और कई दूसरी डिटेल्स पेश करने को भी कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, गो फर्स्ट के एक बार रिवाइवल प्लान को जमा करने के बाद आगे उपयुक्त एक्शन के लिए डीजीसीए उसकी समीक्षा करेगा.
पायलटों को औसतन 5.30 लाख रुपए सैलरी दे रहा गो फर्स्ट
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो गो फर्स्ट एयरलाइन पायलटों को औसतन 5.30 लाख रुपए हर महीने सैलरी दे रही है. रिटेंशन अलाउंस के बाद पायलटों की हर महीने की औसतन सैलरी 6.30 लाख रुपए हो जाएगी.