कच्छ. भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुरुवार को गुजरात में दस्तक देने की आशंका के मद्देनजर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार तक सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है और मछुआरों को सलाह दी है कि वे समुद्र में न जाएं। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने एहतियात के तौर पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों से गुजरने वाली 67 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है।
रद्द की गई कुछ ट्रेनों में ओखा-राजकोट अनारक्षित स्पेशल, वेरावल-ओखा एक्सप्रेस, राजकोट-ओखा अनारक्षित स्पेशल, भावनगर टर्मिनस-ओखा एक्सप्रेस, अहमदाबाद-वेरावल एक्सप्रेस, पोरबंदर-वेरावल एक्सप्रेस शामिल हैं। भारतीय तटरक्षक बल भी गुजरात के तट पर सक्रिय रूप से गश्त कर रहा है। बिपाजॉय वर्तमान में पोरबंदर और देवभूमि द्वारका के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इसके गुरुवार शाम को अत्यधिक चक्रवाती तूफान के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरने की उम्मीद है।
चक्रवात बिपारजॉय का सूरत में गंभीर असर देखा जा रहा है। सूरत में कई स्थानों पर तेज हवा की वजह से पेड़ उखड़ गए। चक्रवात तूफान में अंजना फार्म के पास कई पेड़ गिरे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इमरजेंसी मीटिंग की। आईएमडी ने अब ऑरेंज के बदले सौराष्ट्र-कच्छ तट पर रेड अलर्ट जारी किया है।
चक्रवात बिपारजॉय के संभावित खतरे की वजह से गुजरात में हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। चक्रवात का सबसे ज्यादा असर कच्छ में देखा जा रहा है। यहां 17,739 लोगों को शिफ्ट किया गया है। इनके अलावा जामनगर में भी 8,542 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। गुजरात सरकार ने विस्थापित लोगों के लिए सैकड़ों राहत शिविर स्थापित किए हैं। कुल 47,113 लोग विस्थापित हुए हैं। जूनागढ़ – 4,462, पोरबंदर – 3,469, द्वारका – 4,863, मोरबी – 1,936, राजकोट – 4,497 लोग शिफ्ट किए गए हैं।
बिपरजॉय तूफान के नजदीक पहुंचते हुए इस भयावह असर देखने को मिल रहा है। गुजरात में आज कुछ समुद्री के किनारे वाले इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट है। 14 जून को कच्छ के अंजार में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार गुजरात के तटीय और दूसरे इलाकों में इसका प्रभाव रह सकता है। ऐसे में 16 और 17 जून अलर्ट घोषित किया गया है।
द्वारका में बिपरजॉय का असर- गुजरात के द्वारका में चक्रवात बिपरजॉय का प्रभाव देखने को मिल रहा है। समुद्र में तेज हवा के प्रभाव के कारण ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। द्वारकाधीश मंदिर को आज श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया है।