नई दिल्ली. दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया है. इसे अब प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा. नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर कांग्रेस ने ऐतराज जताया है. कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है. नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों और अभिलेखों का खजाना रहा है.
बता दें एक विशेष बैठक में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया है. इस बैठक की अध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की थी. दरअसल, पीएम मोदी ने वर्ष 2016 में तीन मूर्ति परिसर में देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था. एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद ने नवंबर 2016 को अपनी मीटिंग में इसे मंजूरी दी थी. ये परियोजना अब पूरी हो गई है.
भारत की विकास यात्रा को दिखाएगा संग्रहालय: राजनाथ
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह संग्रहालय भारत की विकास यात्रा को प्रतिबिंबित करता है. वहीं, देश के लोकतंत्र की जीवंतता और सफलता की कहानी बयां करता है. मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रधानमंत्री संग्रहालय को एक बार देखने जरूर जाएं.
नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती- तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर केंद्र पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जो लोग आधुनिक भारत के निर्माण में जवाहरलाल नेहरू के योगदान को खत्म करना चाहते हैं. उन्हें नेहरू की सोच को समझने के लिए डिस्कवरी ऑफ इंडिया और विश्व इतिहास की झलक बुक पढऩी चाहिए. उन्होंने कहा, इमारतों के नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती है.