नई दिल्ली. इंग्लैंड की टीम ड्रीम स्टार्ट के बाद भी एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैच हार गई है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बर्मिंघम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने तब पारी घोषित करने की गलती की थी, जब वह आसानी से 400 रन का स्कोर पार कर सकती थी. लेकिन स्ट्रॉन्ग मैसेज देने की कोशिश में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने 8 विकेट पर 393 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. पांच दिन के टेस्ट मैच में इंग्लैंड को पूरा एक दिन भी बैटिंग करना ज्यादा लगा. इसका फायदा उठाया ऑस्ट्रेलिया ने. उसने इंग्लैंड की आक्रामकता को अपनी समझदारी से कुंद किया और पहला टेस्ट जीतकर एशेज सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली.
मेजबान इंग्लैंड ने क्या ओवर अटैक के चक्कर में एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैच गंवा दिया. इसका जवाब जानने से पहले मैच का पूरा हाल जान लेते हैं. इंग्लैंड ने एजबेस्टन में खेले गए एशेज सीरीज के पहले टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग की. उसने 8 विकेट पर 393 रन बनाकर पारी घोषित की. इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 386 रन बनाए. इसके बाद इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में 273 रन बनाए. इस तरह ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 281 रन का लक्ष्य मिला. ऑस्ट्रेलिया ने यह लक्ष्य 92.3 ओवर में 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया.
इंग्लैंड ने यह मैच भले ही गंवा दिया, लेकिन उसने खेल में कुछ ऐसे फैसले लिए, जो लंबे समय तक याद किए जाएंगे. खासकर पहले दिन 5 से अधिक रनरेट से 393 रन बनाकर इंग्लैंड ने यह मैसेज दिया कि वह बैजबॉल का पूरा प्रदर्शन करने वाला है. बैजबॉल की तकनीकी परिभाषा को छोड़ दें तो इसका सीधा अर्थ है तेजी से रन बनाना, बिना इस बात की चिंता कि विकेट किस तेजी से गिर रहे हैं. आक्रामक बैटिंग. टेस्ट क्रिकेट में भी वनडे स्टाइल का खेल.
तेजी से रन बनाना तो फिर भी ठीक था, लेकिन इंग्लैंड इसी कोशिश में या कहें कि स्ट्रॉन्ग मैसेज देने की कोशिश में वह गलती कर बैठा, जो उस पर भारी पड़ गया. इंग्लैंड ने जब पहले दिन महज 78 ओवर में 8 विकेट पर 393 रन बना लिए. तो उस वक्त लग रहा था कि वह 450 का स्कोर बना सकता है. लेकिन इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने पारी घोषित कर दी. उन्होंने पूरा एक दिन भी बैटिंग करने की जहमत नहीं उठाई.