संतों ने दी आंदोलन की चेतावनी
भोपाल। भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में साधनारत साधु, संतों, महात्माओं को अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन द्वारा अनावश्यक परेशान किया जा रहा है और तपोवन के मठ-मंदिरों में प्रशासन नाजायज दखल दे रहा है। इस संबंध में साधु संतों ने बैठक कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हस्तक्षेप कर समाधान का आग्रह किया है। संतों ने समाधान न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
चित्रकूट के साधु संतो ने एकमत होकर तीर्थ क्षेत्र को कार पार्किंग मुक्त कराने, परिक्रमा पथ को अतिक्रमण मुक्त कराने, प्रमोदवन को अवैध कब्जेदारों से छुड़ाने, मंदाकिनी के घाटों पर सार्वजनिक शौचालय बनाने, तीर्थयात्रियों के लिये रैनबसेरों का निर्माण कराने और तीर्थक्षेत्र के विकास कार्यों में जन निगरानी समिति बनाने की मॉंगों के संबंध में प्रस्ताव पारित किया है। चित्रकूट के संतों की समस्याओं को लेकर विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि संतों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर पवित्र मंदाकिनी गंगा के मूलस्वरूप से छेड़छाड़ न हो और अतिक्रमण के नाम पर मठ मंदिरों में किसी प्रकार की तोड़फोड़ न की जाए। इस संबंध में जिला प्रशासन को शीघ्र समुचित निर्देश दें।