4 जुलाई से महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश बंद, जाने क्या है वजह

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70 दिन 1500 रुपए की जलाभिषेक की रसीद भी बंद रहेगी, प्रसाद खरीदना हुआ महंगा

उज्जैन। विश्व प्रसिद्धा उज्जैन के महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन अब गर्भगृह से 70 दिन के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है। यह प्रतिबंध 4 जुलाई से लागू होगा। 4 जुलाई से आगामी 70 दिन तक भगवान भोलेनाथ के भक्त गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। यह निर्णय श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया है। दरअसल इस वर्ष अधिक मास के साथ सावन में भगवान महाकाल के भक्तों की संभावित बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

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मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 4 जुलाई से 70 दिन तक 1500 रुपए में जलाभिषेक की रसीद नहीं काटी जाएगी। इस अवधि में गर्भगृह में वीआईपी लोगों को भी प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा। यह व्यवस्था 11 सितंबर तक चलेगी। इसके साथ ही 11 जुलाई से उज्जैन के दर्शनार्थियों को अलग-अलग प्रवेश द्वारा से मंदिर में प्रवेश देने की व्यवस्था भी लागू की जा रही है।

360 का प्रसाद 400 रुपए का

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में महंगाई को देखते हुए 360 रुपए प्रतिकिलो मिलने वाले प्रसाद का मूल्य बढ़ाकर 400 रुपए प्रतिकिलो करने का निर्णय लिया है। उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि सावन मास में सभी श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के आसानी से दर्शन हो सकें, इसलिए गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।

भस्मार्ती में दर्शन होते रहेंगे

समिति ने निर्णय लिया है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादों मास के दौरान प्रात:कालीन होने वाली भस्मआरती में चलित भस्मार्ती दर्शन व्यवस्था जारी रखी जाए। इस व्यवस्था के तहत श्रद्धालु बिना पंजीयन के चलित रूप से बिना रुके भस्मार्ती के दर्शन कर सकेंगे।

कांवड़ यात्रियों के लिए यह व्यस्था रहेगी

बैठक में व्यवस्था बनाई गई कि पहले से अनुमति प्राप्त कावड़ यात्री शनिवार, रविवार एवं सोमवार को छोड़कर मंगलवार से शुक्रवार तक द्वार क्रमांक 1 अथवा 4 से मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश कर सकेंगे।

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