नई दिल्ली. चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बीच ड्रैगन ने भारतीय सीमा की जासूसी करने के लिए अपने अत्याधुनिक WZ-7, Wing Loong 2 ड्रोन बॉर्डर के नजदीक तैनात कर दिया है. TV9 को मिली एक्सक्लुसिव जानकारी से मुताबिक, चीन ने अपने इस जासूसी ड्रोन की तैनाती ऐसी जगह पर की है जहां से वो भारतीय पूर्वी लद्दाख की सीमा की जासूसी कर सकता है और दूर रहकर सेना की 14वीं कोर और 33वीं कोर की मूवमेंट पर नजर रख सकता है.
दरअसल, भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती ताकत ने चीन के पसीने छुड़ा दिए हैं. चीन की इस जालसाजी के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि वो भारतीय फौज से खौफजदा होकर उनकी निगरानी करना चाहता है. एक तरह जहां भारत स्वदेशी ड्रोन की मदद से अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है वहीं अमेरिका के साथ हाल ही में साइन की गई ड्रोन डील ने चीन की रातों की नींदे उड़ा दी है.
इसलिए वो हर हाल में भारत की बढ़ती ताकत से परेशान है और परेशानी का आलम ये है कि चीन ने तिब्बत में शिगात्से हवाई अड्डे पर Wz-7 ड्रोन, wing loong 2 ड्रोन की तैनाती की है जबकि खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, निगरानी करने वाले और अटैकिंग टोही ड्रोनस को डिप्लॉय कर दिया है.
क्या है चीन के Wz-7 ड्रोन की खासियत?
ड्रोन एक लगातार 10 घंटे तक उड़ान भर सकता है और निगरानी करने में माहिर है.
ड्रोन हवा में उड़ते हुए ही डेटा को जमीन पर ट्रांसफर करने में सक्षम है.
इस ड्रोन का इस्तेमाल चीन की आर्मी, वायुसेना और नेवी तीनो तमाम तरह के ऑपेरशन के लिए कर सकती हैं.
इसकी रेंज 7000 किलोमीटर है और ये दूसरे देश की सीमा में घुसे बिना ही उसकी जासूसी करने में माहिर है.
इसके अलावा चीन ने बॉर्डर पर अपने Attacking Wing Loong 2 ड्रोन को भी लगाया गया है. टीवी9 को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार इन ड्रोन्स की संख्या एक से ज्यादा हो सकती है.
चीन को जवाब देने के लिए भारत ने ‘तपस’ को तैयार किया है. ये स्वदेशी हथियार भारत की AI फौज का मजबूत प्रहरी है. जिसको डीआरडीओ ने बनाया है. इसके साथ ही चीन को लगी इस मिर्ची के पीछे भारत अमेरिका की प्रीडेटर ड्रोन की डील भी है जिससे बौखलाया चीन अब भारत की सीमाओं की जासूसी पर उतर आया है.