नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक मगंलवार को संपन्न हुई. इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. बैठक को लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे कि कौन सा सामान सस्ता होगा और कौन सा महंगा. बैठक में कई ऐसे फैसले लिए गए जिनकी उम्मीद जानकारों द्वारा पहले ही जताई जा चुकी थी. इसमें कैसिनो व गेमिंग पर जीएसटी दर बढ़ाने जैसे फैसले शामिल हैं. यहां हम आपको उन सभी सेवाओं व वस्तुओं की लिस्ट दे रहे हैं जो जीएसटी बढ़ने या घटने से महंगी व सस्ती हो गई हैं. इनमें से अधिकांश का असर मिडिल क्लास पर सीधे तौर पर होगा. गौरतलब है कि बैठक में जो फैसले लिए गए उनमें अधिकांश जीएसटी दर घटाने को लेकर ही थे. आइए देखते हैं क्या महंगा हुआ और क्या सस्ता?
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ के कुल कारोबार पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया. वित्त मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की अनुशंसा के आधार पर इन गतिविधियों में किए गए भुगतान पर 28 प्रतिशत कर लगाने का निर्णय लिया गया है. इस मामले में दुविधा यह थी कि क्या जीएसटी पूरी रकम पर लगाया जाए, गेम से होने वाली पूरी कमाई पर लगाया जाए या फिर केवल प्लेटफॉर्म द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क पर जीएसटी लगाया. मंत्रियों के समूह ने पूरी रकम पर जीएसटी लगाने के पक्ष में फैसला लिया. इसके अलावा मल्टी यूटिलिटी व्हीकल पर 22 फीसदी सेस लगाने को मंजूरी दे दी गई. इसके लिए एमयूवी की परिभाषा में भी बदलाव किया गया.
क्या हुआ सस्ता
कैंसर व अन्य दुर्लभ बीमारियों की दवाओं और विशेष मेडिकल खाद्य पदार्थों को जीएसटी से पूरी तरह छूट दे दी गई है. प्राइवेट कंपनियों द्वारा दी जाने वाली सैटेलाइट लॉन्च की सुविधा को भी जीएसटी से छूट दी गई. फिश सॉल्यूबल पेस्ट और एलडी स्लैग पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसदी की गई. फिश सॉल्यूबल पेस्ट को उवर्रक के रूप में उपयोग किया जाता है. यह कई न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है. एलडी स्लैग एक तरह का इंडस्ट्रियल कचड़ा है जिसका इस्तेमाल सड़क निर्माण व अन्य निर्माण गतिविधियों में किया जाता है.
ये भी सस्ता
कच्चे और बगैर तले स्नैक पैलेट्स 18 से 5 फीसदी वाले स्लैब में लाए गए. नकली जरी धागे को 12 से 5 फीसदी वाले जीएसटी स्लैब में लाया गया. सिनेमा हॉल में मिलने वाले पॉपकॉर्न व अन्य खाद्य पदार्थों पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई.