नई दिल्ली. पहाड़ी राज्यों में हो रही बारिश की वजह से राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है. आज सुबह यमुना का जलस्तर 206 मीटर के पार दर्ज किया गया है. जलस्तर बढ़ने से यमुना किनारे बसे लोगों के लिए फिर मुसीबतें खड़ी हो गई हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुई तेज बारिश ने लोगों में डर भर दिया है. यहां अभी भी रुक रुक कर बारिश हो रही है. दो हफ्ते पहले हुई तबाही को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है. कल कुल्लू में बादल फटने से पानी में बहकर एक शख्स की मौत हो गई थी. उत्तराखंड में गंगा नदी भी उफान पर है, जिसकी वजह से हरिद्वार में अलर्ट जारी किया गया है और लोगों को घाटों पर नहीं जाने की अपील की गई है.
दिल्ली में मौसम विभाग ने धीमी से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है. यहां लोगों के निजी नुकसान के साथ ही यमुना में आए पानी ने कारोबार को भी काफी नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों की मानें तो करीब 200 करोड़ के बिजनेस का नुकसान हुआ है. उधर बाढ़ का पानी कम होने के बाद प्रभावित इलाकों में बीमारियों और महामारी की खतरा बढ़ गया है. डॉक्टरों के मुताबिक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन कई तरह की जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ा हुआ है, हालांकि दिल्ली सरकार हर तरह के हालात से निपटने के लिए खुद को तैयार बता रही है.
राजस्थान के कई जिलों में हुई बारिश ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है, वहीं मौसम विभाग ने राजस्थान के पूर्वी हिस्से में 23 जुलाई तक येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. सीकर जिले में बारिश के पानी ने जमकर कहर बरपाया है. बारिश के पानी के चलते कई मुख्य रास्ते बंद हो गए हैं. जलभराव के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. भारी बारिश की वजह से रेलवे ट्रैक पर भी जलभराव हुआ है. रेलवे ट्रैक पूरी तरह पानी में डूबा नजर आया. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों में जलभराव के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुई तेज बारिश के बाद चंडीगढ़-मनाली हाइवे पर लैंडस्लाइड के बाद चल रहे राहत कार्य के दौरान एक मशीन पर मलबा गिरने से मंडी-कुल्लू नेशनल हाई वे बंद हो गया. अचानक मलबा गिरने से लोग दहशत में आ गए. वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्य में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया. उन्होंने बिलासपुर, घुमारवीं और स्वारघाट का दौरा किया और कहा कि केंद्र सरकार की पूरी संवेदनाएं आपदा प्रभावित लोगों के साथ हैं. उनके मुताबिक स्वार चैनलाइजेशन के चलते कम नुक़सान देखने को मिल रहा है.