नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस पर पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि हम एलओसी पार कर सकते थे, कर सकते हैं और करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत अपने सम्मान और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने के लिए तैयार है. राजनाथ सिंह ने देश के नागरिकों से ऐसी स्थिति में सैनिकों का समर्थन करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया.
राजनाथ सिंह बुधवार को 24वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध स्मारक पर बोल रहे थे. इससे पहले, उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.उस समय अगर हमने एलओसी पार नहीं किया, तो इसका मतलब यह नहीं कि हम LOC पार नहीं कर सकते थे. हम एलओसी पार कर सकते थे, हम एलओसी पार कर सकते हैं, और जरूरत पड़ी तो भविष्य में एलओसी पार करेंगे. मैं इसे फिर से दोहराना चाहूँगा, कि हम एलओसी पार कर सकते थे, हम एलओसी पार कर सकते हैं, और जरूरत पड़ी तो करेंगे.
भारत पर थोपा गया था कारगिल युद्ध
राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था. उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा थाज् युद्ध भारत पर थोपा गया था. मैं अपने वीर सपूतों को सलाम करता हूं जिन्होंने देश को पहले रखा और अपने प्राणों की आहुति दी. मंत्री ने आगे कहा, जब भी युद्ध की स्थिति बनी है, हमारी जनता ने हमेशा सेनाओं का समर्थन किया है लेकिन वह समर्थन अप्रत्यक्ष रहा है.
देश के सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार
उन्होंने कहा, देश के सम्मान और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैंज्अगर इसमें एलओसी पार करना भी शामिल है, तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं. हम यह जानते हैं, कि जब तक आप सीमाओं पर हमारी रक्षा कर रहे हैं, भारत की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत भी किसी के अंदर नहीं हो सकती है. सिर्फ कारगिल ही नहीं, बल्कि आज़ादी से लेकर आज तक कई बार, समय-समय पर आप लोगों के शौर्य ने देश का मस्तक ऊंचा किया है.