नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बुधवार को ईडी चीफ संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मामले में अब 27 जुलाई को सुनवाई होगी. इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) प्रमुख के रूप में संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल का तीसरा विस्तार अवैध था और 2021 में उसके फैसले का उल्लंघन था.
हालांकि, शीर्ष अदालत ने उन्हें 31 जुलाई तक पद पर बने रहने की अनुमति दी. केंद्र सरकार की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी मिश्रा को 18 नवंबर, 2023 तक पद पर बने रहना था.
क्या है पूरा मामला?
केंद्र सरकार ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने के अपने फैसले पर लंबे समय तक राजनीतिक विवाद में उलझी रही, जिन्हें पहली बार नवंबर 2018 में नियुक्त किया गया था. नियुक्ति आदेश के अनुसार उन्हें दो वर्ष बाद (60 वर्ष की आयु होने पर) सेवानिवृत्त होना तय था.
हालांकि, नवंबर 2020 में सरकार ने आदेश में संशोधन करते हुए उनका कार्यकाल दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया. कॉमन कॉज बनाम भारत संघ मामले में इस पूर्वव्यापी संशोधन की वैधता और मिश्रा के कार्यकाल को एक अतिरिक्त वर्ष के विस्तार की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि विस्तार केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में थोड़े समय के लिए दिया जा सकता है.
मिश्रा के सेवानिवृत्त होने से पहले सरकार ने किए थे संशोधन
नवंबर 2021 में, मिश्रा के सेवानिवृत्त होने से तीन दिन पहले, भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 और केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 में संशोधन करते हुए दो अध्यादेश जारी किए गए थे. ये अध्यादेश अंतत: उन विधेयकों में परिणत हुए जिन्हें दिसंबर में संसद द्वारा अनुमोदित किया गया था. इन संशोधनों के बल पर अब सीबीआई और ईडी दोनों निदेशकों का कार्यकाल प्रारंभिक नियुक्ति से पांच साल पूरा होने तक एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.