प्रधानमंत्री ने किया संत रविदास के मंदिर निर्माण का भूमिपूजन
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों की योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं, हमारी सोच-जीवन के हर पढ़ाव पर देश ,दलित, पिछड़े, वंचित, आदिवासी, महिलाओं के साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि आपका दर्द समझने के लिए मुझे किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं है, भूखे रहने की तकलीफ को मैं जानता हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात आज मध्यप्रदेश के सागर जिले के बड़तूमा में संत रविदास के बन रहे मंदिर का भूमिपूजन करते हुए कही। सागर में चार हजार करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लाकर्पण भी किया। संत रविदास मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का ध्यान गरीबों के कल्याण और समाज के हर वर्ग के सशक्तिकरण पर है। आज चाहे वह दलित हो, पिछड़ा हो या आदिवासी हो, हमारी सरकार उन्हें उचित सम्मान दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने उस कालखंड में जन्म लिया था जब देश पर मुगलों का शासन था। समाज, अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था। उस समय भी संत रविदास समाज को जगा रहे थे, उसे उसकी बुराइयों से लड़ना सीखा रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल में मैंने तय किया कि चाहे जो हो जाए गरीब को खाली पेट सोने नहीं दूंगा, मैं जानता हूं भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है, मैं जानता हूं गरीब का स्वाभिमान क्या होता है, मैं तो आपके ही परिवार का सदस्य, आपका सुख-दुख समझने के लिए मुझे किताबें नहीं देखनी पड़तीं। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों की योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं, हमारी सोच-जीवन के हर पढ़ाव पर देश ,दलित, पिछड़े, वंचित, आदिवासी, महिलाओं के साथ खड़े हों।
मंदिर बनने पर फिर आऊंगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि सागर में समरसता का महासागर उमड़ा, देश की इसी सांझी संस्कृति को और समृद्ध करेगा संत रविदास स्मारक। उन्होंने कहा कि शिलान्यास आज किया है, जब मंदिर बन जाएगा तो फिर आऊंगा, मुझे बनारस में संत रविदास की जन्मस्थली पर जाने का कई बार सौभाग्य मिला, इस स्मारक और संग्रहालय में भव्यता के साथ दिव्यता भी होगी। उन्होंने कहा कि 2 0 हजार से ज्यादा गांवों की मिट्टी और 300 से ज्यादा नदियों का जल यहां लाया गया है, एक मुट्ठी मिट्टी के साथ-साथ एमपी के लाखों परिवारों ने समरसता भोज के लिए एक एक मुट्ठी अनाज भी भेजा है।
हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं
मोदी ने कहा कि संत रविदास स्मारक और संग्रहालय की नींव एक ऐसे समय में पड़ी है जब देश ने अपने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं। अब अगले 25 वर्षों का अमृतकाल हमारे सामने है। अमृतकाल में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं और अपने अतीत से सबक भी लें। एक राष्ट्र के रूप में हमने हजारों वर्षों की यात्रा की है। इतने लंबे कालखंड में समाज में कुछ बुराइयां आना भी स्वाभिवक है। ये भारतीय समाज की ही शक्ति है, इन बुराइयों को दूर करने वाला समय समय पर कोई महापुरुष, कोई संत इसी समाज से निकलता रहा है।
बनेगा भव्य स्मारक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस भव्य स्मारक के जरिए आने वाली पीढ़ियां संत रविदास के मार्ग पर चलेंगी, जनता की जिंदगी की आवश्यकताएं पूरा करने का काम मोदी सरकार ने किया, योजनाएं भी गिनाईंं। उन्होंने कहा कि सागर के लिए आज सौभाग्य का दिन है, संत रविदास का मंदिर बनने वाला है। कोई ऊंचा नहीं, छोटा नहीं, जात पात नहीं ,कोई बड़ा नहीं, भक्ति कैसे करें यह रविदास ने किया। कैसे इसका संदेश देने वाले संत रविदास महाराज उनके जीवन और दर्शन पर भव्य स्मारक बनेगा। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में बीना रिफाइनरी और केन बेतवा लिंक के शुभारंभ पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों की योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं, हमारी सोच-जीवन के हर पढ़ाव पर देश ,दलित, पिछड़े, वंचित, आदिवासी, महिलाओं के साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि आपका दर्द समझने के लिए मुझे किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं है, भूखे रहने की तकलीफ को मैं जानता हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात आज मध्यप्रदेश के सागर जिले के बड़तूमा में संत रविदास के बन रहे मंदिर का भूमिपूजन करते हुए कही। सागर में चार हजार करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लाकर्पण भी किया। संत रविदास मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का ध्यान गरीबों के कल्याण और समाज के हर वर्ग के सशक्तिकरण पर है। आज चाहे वह दलित हो, पिछड़ा हो या आदिवासी हो, हमारी सरकार उन्हें उचित सम्मान दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने उस कालखंड में जन्म लिया था जब देश पर मुगलों का शासन था। समाज, अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था। उस समय भी संत रविदास समाज को जगा रहे थे, उसे उसकी बुराइयों से लड़ना सीखा रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल में मैंने तय किया कि चाहे जो हो जाए गरीब को खाली पेट सोने नहीं दूंगा, मैं जानता हूं भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है, मैं जानता हूं गरीब का स्वाभिमान क्या होता है, मैं तो आपके ही परिवार का सदस्य, आपका सुख-दुख समझने के लिए मुझे किताबें नहीं देखनी पड़तीं। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों की योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं, हमारी सोच-जीवन के हर पढ़ाव पर देश ,दलित, पिछड़े, वंचित, आदिवासी, महिलाओं के साथ खड़े हों।
मंदिर बनने पर फिर आऊंगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि सागर में समरसता का महासागर उमड़ा, देश की इसी सांझी संस्कृति को और समृद्ध करेगा संत रविदास स्मारक। उन्होंने कहा कि शिलान्यास आज किया है, जब मंदिर बन जाएगा तो फिर आऊंगा, मुझे बनारस में संत रविदास की जन्मस्थली पर जाने का कई बार सौभाग्य मिला, इस स्मारक और संग्रहालय में भव्यता के साथ दिव्यता भी होगी। उन्होंने कहा कि 2 0 हजार से ज्यादा गांवों की मिट्टी और 300 से ज्यादा नदियों का जल यहां लाया गया है, एक मुट्ठी मिट्टी के साथ-साथ एमपी के लाखों परिवारों ने समरसता भोज के लिए एक एक मुट्ठी अनाज भी भेजा है।
हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं
मोदी ने कहा कि संत रविदास स्मारक और संग्रहालय की नींव एक ऐसे समय में पड़ी है जब देश ने अपने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं। अब अगले 25 वर्षों का अमृतकाल हमारे सामने है। अमृतकाल में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं और अपने अतीत से सबक भी लें। एक राष्ट्र के रूप में हमने हजारों वर्षों की यात्रा की है। इतने लंबे कालखंड में समाज में कुछ बुराइयां आना भी स्वाभिवक है। ये भारतीय समाज की ही शक्ति है, इन बुराइयों को दूर करने वाला समय समय पर कोई महापुरुष, कोई संत इसी समाज से निकलता रहा है।
बनेगा भव्य स्मारक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस भव्य स्मारक के जरिए आने वाली पीढ़ियां संत रविदास के मार्ग पर चलेंगी, जनता की जिंदगी की आवश्यकताएं पूरा करने का काम मोदी सरकार ने किया, योजनाएं भी गिनाईंं। उन्होंने कहा कि सागर के लिए आज सौभाग्य का दिन है, संत रविदास का मंदिर बनने वाला है। कोई ऊंचा नहीं, छोटा नहीं, जात पात नहीं ,कोई बड़ा नहीं, भक्ति कैसे करें यह रविदास ने किया। कैसे इसका संदेश देने वाले संत रविदास महाराज उनके जीवन और दर्शन पर भव्य स्मारक बनेगा। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में बीना रिफाइनरी और केन बेतवा लिंक के शुभारंभ पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया।