श्रीनगर (Srinagar) । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कई दशकों के बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह (independence day celebration) की फिजा बदली-बदली नजर आई। परेड देखने के लिए हजारों कश्मीरी श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम (Bakshi Stadium) में एकत्र हुए। यहां एलजी मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) ने मार्च पास्ट (march past) की सलामी ली और ”आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने” की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर इंटरनेट बंद कर दिया जाता था। काफी प्रतिबंध लगाए जाते थे। हालांकि, इस साल स्थिति अलग थी। किसी भी तरह की पाबंदी नहीं थी। शहर के लोग के लिए यह एक सुखद आश्चर्य था।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए खुला निमंत्रण जारी किया गया था। इस समारोह में भाग लेने के लिए किसी प्रवेश पास की आवश्यकता नहीं थी। केवल एक वैध पहचान प्रमाण साथ ले जाना आवश्यक था। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग समेत लोग सुबह आठ बजे से ही स्टेडियम के बाहर कतार में लग गए। देशभक्ति का जोश लोगों के चेहरे पर दिख रहा था। स्टेडियम के स्टैंड में स्थानीय लोग छोटे-छोटे तिरंगे लहरा रहे थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय नागरिक अब्दुल हामिद खान सुबह 8:15 बजे स्टेडियम पहुंचे। उन्होंने देखा कि भीड़ हर मिनट बढ़ती जा रही थी। उन्होंने कहा, ”हम पहली बार आए हैं। हम परेड देखकर और एलजी साहब का भाषण सुनकर खुश हैं।” वहीं, एक महिला ने कहा, ”बिना किसी डर के अपने बच्चों को भी साथ लाई हूं।” पीरबाग इलाके की निवासी हफ्सा इकबाल ने कहा, “हवा में शांति है और किसी को भी स्वतंत्रता दिवस समारोह का हिस्सा बनने से कोई नहीं रोक सकता।”
स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर को आतंक मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे हासिल करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ”इस मोर्चे पर बहुत कुछ हासिल किया गया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। सीमा पार से समर्थित आतंकवाद को समाज के लिए कैंसर बताते हुए एलजी ने इस संकट को रोकने और जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने में सुरक्षा बलों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के पहाड़ हमारे सुरक्षा कर्मियों के अमूल्य बलिदानों के गवाह हैं जिन्होंने देश की अखंडता और संप्रभुता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।”
आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने भी अपने ट्वीट में इस बदलाव का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, ”आज कश्मीर में कुछ अभूतपूर्व हो रहा है। मैंने अब तक अपने जीवन में ऐसी कोई चीज नहीं देखी है और हममें से किसी ने भी नहीं देखी है। लोग 15 अगस्त को उस उत्साह के साथ मना रहे हैं जो पहले केवल ईद जैसे प्रमुख त्योहारों पर देखा जाता था। कश्मीर ने गर्व और खुशी के साथ भारत को गले लगा लिया है।”