ब्रिटेन में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना मरीज, ओमिक्रोन वैरिएंट ‘एरिस’ बना वजह

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लंदन। यूनाइटेड किंगडम में नए ओमिक्रोन वैरिएंट – एरिस – के कारण कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पूरे ब्रिटेन में एरिस के मामलों में वृद्धि के कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि क्या ब्रिटेन को फिर से मास्क पहनना चाहिए? स्वास्थ्य विशेषज्ञ ब्रिटेन में बढ़ते मामलों से निपटने के लिए फेस मास्क को फिर से शुरू करने की वकालत कर रहे हैं.

उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार, यूके में दर्ज किए गए लगभग 14.6 प्रतिशत कोविड-19 ​​​​मामलों के लिए एरिस वैरिएंट को जिम्मेदार ठहराया गया है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के लिए हाल ही में प्रकाशित एक लेख में – वैज्ञानिक सलाहकार समूह फॉर इमर्जेंसीज़ की सदस्य क्रिस्टीना पैजेल ने कोविड ​​​​-19 मामलों के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में बढ़ोतरी के बारे में चिंता जताई है. पैजेल के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2023 की शुरुआत से अस्पताल में दाखिल होने वाली मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है. इसके आधार पर, पैजेल कहती हैं कि यह ‘काफ़ी हद तक निश्चित है कि हम एक और कोविड ​​​​-19 लहर में प्रवेश कर चुके हैं.’ विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचओ ने भी ‘एरिस’ को इसकी अत्यंत संक्रामक प्रकृति के कारण ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया है.

डब्ल्यूएचओ द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, EG.5/EG.5.1 का एरिस वैरिएंट दुनिया भर में लगभग 17.4 प्रतिशत कोविड-19 मामलों के लिए जिम्मेदार है. चार सप्ताह पहले दर्ज किए गए 7.6 प्रतिशत से मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. हालांकि, कोरोना ​​​​वायरस के उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) पर अपनी रिसर्च के बावजूद, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोविड​​​​-19 वायरस के अन्य वैरिएंट की तुलना में एरिस से सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अधिक गंभीर खतरा पैदा करने की संभावना नहीं है.

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