भोपाल। प्रदेश में एक बार फिर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठने लगी है। इस बार सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से इस मांग का पत्र सभी राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को लिखा गया है।
समाजिक कार्यकर्ता ष्शरद कुमरे ने देश के सभी राजनीतिक दलों के राश्टीय अध्यक्षों को पत्र लिखकर यह मांग उठाई है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश की स्थापना से आज तक मध्यप्रदेश में आदिवासी समाज से मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया जबकि सभी राजनीतिक दल आदिवासी हितैसी होने की होड़ लगा रहे हैँ। प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के वोटर्स 40 प्रतिशत हैँ। जो राजनीतिक दल उक्त वर्गों का शुभचिंतक होने का दावा कर रहे हैँ। उनसे अनुरोध है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग से मुख्यमंत्री और अनुसूचित जाति से उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करें। अब जाति, धर्म और संप्रदाय की राजनीति के झांसे में कोई वोट नहीं करेगा। अब मुद्दों के आधार पर वोट दिया जायेगा। अब जनता के मुद्दे जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, पर्यावरण, क़ृषि, सुरक्षा, रोजगार, मंहगाई, सड़क, बिजली, आवास, स्वछता आदि पर जो दल बेहतर कार्य करने का वादा करेंगे समाज उन्हें वोट देगा। अब बिना ठोस और प्रभावी काम के वोट की अपेक्षा नहीं किया जावे। जो दल संविधान की सुरक्षा का वादा करेंगे उन्हें वोट दिया जाएगा।