संवाददाता, भोपाल. एमपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में पहली बार सीनियर सिटीजन व दिव्यांगों को घर से वोटिंग करने की सुविधा मिलेगी. इस बार करीब पांच हजार पोलिंग बूथ की व्यवस्थाएं भी महिलाएं सम्हालेगी. 50 प्रतिशत से ज्यादा पोलिंग बूथ पर वेब कास्टिंग की जाएगी. ऐप से बूथ पर होने वाली गड़बडिय़ों की शिकायत की जा सके गी. इसके अलावा 4 अक्टॅूबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी, 11 सितम्बर तक नाम जुड़वाए जा सकते है. इस आशय की जानकारी आज चुनाव आयोग ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पत्रवार्ता में दी है.
पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि प्रदेश की 230 विधानसभा क्षेत्रों में असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (AERO) युवाओं के लिए नियुक्त किए गए हैं. चुनाव आयोग ने कहा है कि जो कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगेंगे वे घर जाकर वोट नहीं कर पाएंगे. उन्हें केंद्र पर ही वोट करना होगा. चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार महिलाओं पर खास फोकस रखा गया है. 108 विधानसभाएं ऐसी हैं जहां सेक्स रेश्यो 936 से कम है, जिसके चलते 920 पोलिंग बूथ को चिन्हित किया है. जहां महिलाओं का मतदान प्रतिशत 10 प्रतिशत से कम है. 6920 पोलिंग स्टेशन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कहा गया है. साथ हीए 5 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ पर महिलाएं ही रहेंगी. यहां सुरक्षाकर्मी भी महिला ही रहेंगी.
चुनाव आयोग ने बताया कि सीनियर सिटीजन को घर से वोट करने की सुविधा दी जा रही है. इसके लिए नामांकन के पांच दिन में फार्म 12 डी भरेगें तो वोटिंग करने दिया जाएगा. वृद्धजन व दिव्यांगों को समक्ष ऐप पर बुकिंग करना होगा. निष्पक्षता का ध्यान रखते हुए वीडियोग्राफी तक कराई जाएगी.
cVIGIL ऐप की शिकायत की जा सकेगी-
इसी तरह चुनाव के नाम के मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी शिकायत कर सकता है. इसके लिए मोबाइल से फोटो या टेक्स्ट मैसेज करना होगा. उसकी लोकेशन कंट्रोल रूम पर देखी जा सकेगी. लोकेशन के आधार पर आसपास मौजूद टीम 15 मिनट में पहुंच जाएगी. प्रलोभन देने लेने की सूचना हो, शराब के लिए पैसे बांटने समेत अन्य शिकायतें इस पर की जा सकती हैं. शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा.
वन नेशन, वन इलेक्टर पर हम तैयार है-चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग की स्थापना संविधान के आर्टिकल 324 के अनुसार हुई थी. हमारा काम चुनाव समय से पहले डिलीवर करना है. आर्टिकल 882 कहता है कि 5 साल पूरे होने पर चुनाव कराए जाएं. इसी के आर्टिकल 40 में लिखा है कि 6 महीने पहले उसे अनाउंस कर सकते हैं. जो 5 साल का समय है, उसके 6 महीने पहले चुनाव कराए जा सकते हैं. संविधान के अनुसार हम हमेशा चुनाव कराने के लिए तैयार हैं.
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है आपराधिक छवि के उम्मीदवार को नामांकन फॉर्म में सारी जानकारी देनी है. अगर झूठी जानकारी दी तो उम्मीदवारी निरस्त की जा सकती है. प्रत्याशी की पूरी जानकारी आयोग की वेबसाइट पर रहेगी. ऐसे उम्मीदवार को तीन बार इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन देना पड़ेगा. राजनीतिक दलों को भी यह प्रकाशित करना पड़ेगा कि उन्होंने क्रिमिनल कैंडिडेट क्यों चुना उन्हें बताना पड़ेगा कि उन्हें दूसरा उम्मीदवार क्यों नहीं मिला.