बसपा 178, गोंगपा 52 सीटों पर लड़ेगी चुनाव,
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और समानता दल से हाथ मिलाया है। ये दल आपसी गठबंधन के तहत प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। बसपा 178 और गोंगपा 52 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।
राजधानी में आज संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बसपा के प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम और गोंगपा के राश्टीय महामंत्री बलवीर सिंह तोमर ने गठबंधन की जानकारी दी। दोनों ही दलों के नेताओं ने बताया कि सीटों का बंटवारा हो चुका है। दोनों ही दल अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। जहां पर गोंगपा प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे वहां बसपा और जहां पर बसपा प्रत्याशी मैदान में हांगे वहां पर गोंगपा प्रत्याशियों को समर्थन करेगी। बसपा 178 और गोंगपा 52 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। दोनों दल अजा, अजजा और ओबीसी वर्ग के मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। हमारे प्रत्याशी सर्वे के आधार पर ही तय होंगे।
महाकौशल, मालवा में गोंगपा का फोकस
बसपा, गोंगपा गठबंधन के तहत गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने जिन जिलों में अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है उनमें महाकौशल और मालवा अंचल के जिले शामिल हैं। गोंगपा ने महाकौशल के छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा, जुन्नारदेव, चौरई, परासिया, पांढुर्णा में अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है। इसके अलावा बालाघाट जिले की परसवाड़ा, बैहर, सिवनी जिले की सिवनी, केवलारी और लखनादौन सीटों पर गोंगपा प्रत्याशी उतारेगी। इन सीटों के अलावा महाकौशल के जबलपुर जिले की बरगी सीट पर भी गोंगपा प्रत्याशी उतारेगी। वहीं मंडला, डिंडोरी जिलों के अलावा विंध्य के ष्शहडोल, अनूपपुर और मालवा अंचल के झाबुआ, बड़वानी, धार, खरगोन, अलीराजपुर, इंदौर जिलों में अलग-अलग सीटों पर गोंगपा ने प्रत्याशी उतारने का गठबंधन बसपा से किया है। कुल मिलाकर बसपा के खाते में 178 सीटें गई है। ये सीटें बसपा के प्रभाव वाले अंचलों विंध्य, बुंदेलखंड, ग्वालियर-चंबल अंचल की है। यहां बसपा पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगी।
कांग्रेस की बढ़ेगी मुसीबत
बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच हुए गठबंधन के बाद कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। खासकर महाकौशल में गोंगपा ने उन सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला लिया है, जहां पर कांग्रेस अपनी जीत की संभावना देख रही है। इन सीटों पर अगर आदिवासी वोट बैंक में गोंगपा ने सेंधमारी की तो कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी होगी। वहीं मालवा अंचल के आधा दर्जन जिलों में जिन सीटों पर आदिवासी वर्ग का खासा प्रभाव है, उन सीटों पर भी गोंगपा अपने प्रत्याशी मैदान में उतार रहे है। वहीं सतना, रीवा के अलावा मुरैना, भिंड सहित अन्य ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलों में जहां बसपा का दबदबा है, वहां पर भी कांग्रेस के समीकरण बिगड़ने के आसार नजर आ रहे हैं।