भाजपा के पक्ष में सीटों पर संघ पदाधिकारी बनाएगा माहौल
भोपाल। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों का पूरा फोकस है। पिछले चुनाव में भाजपा के हाथ से छीटकीं इन सीटों पर भाजपा के प्रभाव को बढ़ाने अब संघ की सक्रियता बढ़ रही है। संघ इन सीटों पर मैदानी कार्यकर्ताओं के सहारे पैठ जमाएगा।
चुनावों में संघ हमेशा ही पर्दे के पीछे रहकर भाजपा की कमजोर कड़ी को मजबूत करता रहा है। इस बार भी संघ ने विधानसभा चुनाव के पहले अपनी सक्रियता बढ़ाई है। संघ वैसे तो पहले से ही मालवा और ग्वालियर-चंबल अंचल में सक्रियता बढ़ाए हुए हैं। मगर अब उसका फोकस आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर है। पिछले चुनाव में भाजपा के पक्ष में जिस तरह से इस वर्ग के मतदाता ने दूरी बनाई थी, उसे फिर से भाजपा के पक्ष में लाने के लिए संघ पदाधिकारियों ने सक्रियता बढ़ाई है। हाल ही में इंदौर में संघ पदाधिकारियों की एक बैठक हुई है। इस बैठक में संघ के तीनों प्रांतों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी डी शर्मा भी उपस्थित रहे हैं। बैठक में सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार भी मौजूद रहे। उनके पास ही सत्ता और संगठन में तालमेल का काम भी है। बैठक में क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते के अलावा महामंत्री हितानंद शर्मा भी शामिल हुए थे।
बैठक में संघ ने फैसला किया है कि संघ समन्वय के साथ मैदान में उतरकर भाजपा की स्थिति को मजबूत बनाएगा। खासकर आदिवासी वर्ग की आरक्षित सीटों पर जहां भाजपा की स्थिति को कमजोर आंका जा रहा है। अब इन सीटों पर संघ अपने मैदानी कार्यकर्ताओं के सहारे भाजपा के लिए जमीन मजबूत करेगा। बैठक में तय किया गया कि संघ अपने हिसाब से भाजपा की पूरी मदद करेगा। अगर कहीं भाजपा को उसकी विशेष जरुरत लगती है, तो संघ वहां मैदान स्तर पर सक्रियता दिखाने में भी पीछे नहीं रहेगा। इसके अलावा संघ अपने फीडबैक के आधार पर रणनीति बनाने में भी मदद करेगा।
संघ की पसंद के प्रत्याशी भी उतरेंगे मैदान में
संघ अपनी पसंद के कुछ प्रत्याशियां को भी मैदान में उतारने की रणनीति कर चुका है। बताया जा रहा है कि संघ पदाधिकारियों ने इनके नाम भी भाजपा को सौंपे हैं। करीब तीन दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों के नाम संघ की पसंद के बताए जा रहे है। भाजपा इन प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी, जिनके लिए भी संघ पूरी ताकत के साथ मैदान में नजर आएगा।