कांग्रेस सूची जारी करने के पहले रख रही फूंक-फूंक कर कदम
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा ने जहां चार सूचियां जारी कर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में कांग्रेस पर बढ़त ले ली है। वहीं भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार बेदाग चेहरों को ज्यादा जोर दे रही है। साथ ही नए चेहरों पर भी वह दाव खेलेगी।
कांग्रेस में प्रत्याशियों की सूची को लेकर अब नेताओं पर दबाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस किसी भी हाल में इस बार प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में कोई कमजोरी नहीं रखना चाह रही है। वह ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है कि उनके कारण कांग्रेस को उसके मुद्दे को लेकर भाजपा घेर ना सके। कांग्रेस ने इस चुनाव में पहले से ही संकेत दे दिए हैं कि वह भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर चुनाव मैदान में उतर रही है। इसके लिए वह लंबे समय से भाजपा सरकार की घेराबंदी भी करती रही है। अब प्रत्याशियों की सूची जारी करने के पहले कांग्रेस नेता इस बात पर ज्यादा रख रहे हैं कि बेदाग चेहरों को ज्यादा महत्व दिया जाए। इसके साथ ही कई स्थानों पर वह नए चेहरों पर भी दाव लगाने की तैयारी कर चुकी है। विवादों से घिरे चेहरों से कांग्रेस इस बार दूरी बनाने का पूरा प्रयास कर रही है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की सूची में कई नए चेहरे दिखाई दे सकते है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के पहले हर सीट पर करीब पांच-पांच सर्वे कराए है। इन सर्वे में बेदाग छवि वाले चेहरों को भी तलाशा गया है। कुल मिलाकर प्रत्याशियों की सूची जारी करने के पहले कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, ताकि भाजपा को कोई अवसर ना मिले, जिससे वह प्रत्याशी चयन के बाद घिरती नजर आए।
सर्वे रिपोर्ट पर ही निर्भर होगी दावेदारी
कांग्रेस ने तय किया है कि चुनाव के वक्त दूसरे दलों से आए नेताओं को लेकर कोई भी फैसला स्थानीय नेताओं और सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही लिया जाएगा। इन नेताओं को टिकट तभी दिया जाएगा जब उनकी सर्वे रिपोर्ट पॉजीटिव आएगी। साथ ही स्थानीय स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ता का विरोध नहीं होगा। इसके लिए कांग्रेस ने बाहरी नेताओं को टिकट देने के पहले अपने स्थानीय संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की है।
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा ने जहां चार सूचियां जारी कर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में कांग्रेस पर बढ़त ले ली है। वहीं भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार बेदाग चेहरों को ज्यादा जोर दे रही है। साथ ही नए चेहरों पर भी वह दाव खेलेगी।
कांग्रेस में प्रत्याशियों की सूची को लेकर अब नेताओं पर दबाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस किसी भी हाल में इस बार प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में कोई कमजोरी नहीं रखना चाह रही है। वह ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है कि उनके कारण कांग्रेस को उसके मुद्दे को लेकर भाजपा घेर ना सके। कांग्रेस ने इस चुनाव में पहले से ही संकेत दे दिए हैं कि वह भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर चुनाव मैदान में उतर रही है। इसके लिए वह लंबे समय से भाजपा सरकार की घेराबंदी भी करती रही है। अब प्रत्याशियों की सूची जारी करने के पहले कांग्रेस नेता इस बात पर ज्यादा रख रहे हैं कि बेदाग चेहरों को ज्यादा महत्व दिया जाए। इसके साथ ही कई स्थानों पर वह नए चेहरों पर भी दाव लगाने की तैयारी कर चुकी है। विवादों से घिरे चेहरों से कांग्रेस इस बार दूरी बनाने का पूरा प्रयास कर रही है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की सूची में कई नए चेहरे दिखाई दे सकते है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के पहले हर सीट पर करीब पांच-पांच सर्वे कराए है। इन सर्वे में बेदाग छवि वाले चेहरों को भी तलाशा गया है। कुल मिलाकर प्रत्याशियों की सूची जारी करने के पहले कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, ताकि भाजपा को कोई अवसर ना मिले, जिससे वह प्रत्याशी चयन के बाद घिरती नजर आए।
सर्वे रिपोर्ट पर ही निर्भर होगी दावेदारी
कांग्रेस ने तय किया है कि चुनाव के वक्त दूसरे दलों से आए नेताओं को लेकर कोई भी फैसला स्थानीय नेताओं और सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही लिया जाएगा। इन नेताओं को टिकट तभी दिया जाएगा जब उनकी सर्वे रिपोर्ट पॉजीटिव आएगी। साथ ही स्थानीय स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ता का विरोध नहीं होगा। इसके लिए कांग्रेस ने बाहरी नेताओं को टिकट देने के पहले अपने स्थानीय संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की है।