छोटे दलों को दूसरे दलों से आए नेताओं ने दिया करारा झटका
भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले सरकार बनाने और सरकार में भागीदारी का सपना देखने वाले छोटे दलों को एक बार फिर प्रदेश के राजनेताआें ने करारा झटका दिया है। दूसरे दलों से आए नेताओं को इन दलों ने प्रत्याशी तो बनाया, मगर एनवक्त पर आधा दर्जन उम्मीदवारों ने नाम वापस लेकर इन दलों के सपनों को बिखेर दिया।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन, आम आदमी पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने और सरकार में भागीदारी करने का अलग-अलग दावा करते नजर आ रहे थे। पहले तो इन दलों को बड़ा झटका उस वक्त लगा जब नामांकन भरने की अंतिम तारीख तक ये दल सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार ही मैदान में नहीं उतार पाए। वहीं नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन इन दलों को एक बार फिर झटका लगा, जब दूसरे दलों से आए नेताओं ने प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भी नामांकन वापस ले लिया। इन दलों को एक तरह से भाजपा और कांग्रेस ने झटका दिया है। इन दलों में जाकर इनके नेता जो चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे किसी तरह कांग्रेस और भाजपा के नेता इन्हें मनाने में कामयाब रहे और प्रत्याशी बनने के बाद इन्होंने अपने नामांकन वापस ले लिया।
इन घोषित प्रत्याशियों ने छोड़ा साथ
आम आदमी पार्टी को सबसे पहला झटका झाबुआ में लगा। जब कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने आप के प्रत्याशी बनाए जाने पर नामांकन तो भर दिया, मगर बाद में वे कांग्रेस नेताओं के मनाने पर मान गए और नामांकन वापस ले लिया। इसी तरह मुड़वारा में मुकेश मिश्रा और इंदौर तीन में हाजी नासिर खान ने भी नामांकन वापस लेकर आप को झटका दिया। वहीं समाजवादी पार्टी से बिजावर से उम्मीदवार बनाई गई भाजपा की पूर्व विधायक रेखा यादव ने भी अपना नामांकन वापस लेकर सपा के मंसूबे पर पानी फेर दिया। वहीं जबेरा से रजनी ठाकुर, देवास से रवीन्द्र बोड़ाना ने अपना नामांकन वापस लिया है। ये दोनों को बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था। बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पांच अधिकृत उम्मीदवारों ने भी अपना नाम वापस लिया है।
त्रिपाठी को भी घोषित उम्मीदवार ने दिया झटका
विंध्य जनता पार्टी बनाकर विंध्य सहित प्रदेश की चालीस सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाले भाजपा के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी को भी उनके द्वारा घोशित उम्मीदवार ने झटका दिया। पहले तो त्रिपाठी दावे के अनुरूप् पूरे चालीस प्रत्याशी मैदान में नहीं उतार पाए। वहीं राजधानी भोपाल की दक्षिण विधानसभा सीट से उनके द्वारा घोषित उम्मीदवार मनीष पांडे ने अपना नामांकन कांग्रेस के समर्थन में वापस ले लिया। इसी तरह महू से वैद्यनाथ मिश्रा ने भी अपना नामांकन वापस लिया है।
भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले सरकार बनाने और सरकार में भागीदारी का सपना देखने वाले छोटे दलों को एक बार फिर प्रदेश के राजनेताआें ने करारा झटका दिया है। दूसरे दलों से आए नेताओं को इन दलों ने प्रत्याशी तो बनाया, मगर एनवक्त पर आधा दर्जन उम्मीदवारों ने नाम वापस लेकर इन दलों के सपनों को बिखेर दिया।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन, आम आदमी पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने और सरकार में भागीदारी करने का अलग-अलग दावा करते नजर आ रहे थे। पहले तो इन दलों को बड़ा झटका उस वक्त लगा जब नामांकन भरने की अंतिम तारीख तक ये दल सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार ही मैदान में नहीं उतार पाए। वहीं नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन इन दलों को एक बार फिर झटका लगा, जब दूसरे दलों से आए नेताओं ने प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भी नामांकन वापस ले लिया। इन दलों को एक तरह से भाजपा और कांग्रेस ने झटका दिया है। इन दलों में जाकर इनके नेता जो चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे किसी तरह कांग्रेस और भाजपा के नेता इन्हें मनाने में कामयाब रहे और प्रत्याशी बनने के बाद इन्होंने अपने नामांकन वापस ले लिया।
इन घोषित प्रत्याशियों ने छोड़ा साथ
आम आदमी पार्टी को सबसे पहला झटका झाबुआ में लगा। जब कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने आप के प्रत्याशी बनाए जाने पर नामांकन तो भर दिया, मगर बाद में वे कांग्रेस नेताओं के मनाने पर मान गए और नामांकन वापस ले लिया। इसी तरह मुड़वारा में मुकेश मिश्रा और इंदौर तीन में हाजी नासिर खान ने भी नामांकन वापस लेकर आप को झटका दिया। वहीं समाजवादी पार्टी से बिजावर से उम्मीदवार बनाई गई भाजपा की पूर्व विधायक रेखा यादव ने भी अपना नामांकन वापस लेकर सपा के मंसूबे पर पानी फेर दिया। वहीं जबेरा से रजनी ठाकुर, देवास से रवीन्द्र बोड़ाना ने अपना नामांकन वापस लिया है। ये दोनों को बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था। बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पांच अधिकृत उम्मीदवारों ने भी अपना नाम वापस लिया है।
त्रिपाठी को भी घोषित उम्मीदवार ने दिया झटका
विंध्य जनता पार्टी बनाकर विंध्य सहित प्रदेश की चालीस सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाले भाजपा के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी को भी उनके द्वारा घोशित उम्मीदवार ने झटका दिया। पहले तो त्रिपाठी दावे के अनुरूप् पूरे चालीस प्रत्याशी मैदान में नहीं उतार पाए। वहीं राजधानी भोपाल की दक्षिण विधानसभा सीट से उनके द्वारा घोषित उम्मीदवार मनीष पांडे ने अपना नामांकन कांग्रेस के समर्थन में वापस ले लिया। इसी तरह महू से वैद्यनाथ मिश्रा ने भी अपना नामांकन वापस लिया है।